ओजोन परत में अंटार्कटिका से बड़ा हो चुका है होल, इसलिए वैज्ञानिक हुए चिंतित

ओजोन परत के होल को लेकर नया खुलासा हुआ है. इसकी निगरानी कर रहे वैज्ञानिकों ने कहा है कि अदृश्य परत में छेद जो सालाना विकसित होता है वो वर्ष 2021 में अंटार्कटिका से बड़ा हो गया है.

author-image
Vijay Shankar
New Update
Ozone

Ozone layer( Photo Credit : File Photo)

ओजोन परत के होल को लेकर नया खुलासा हुआ है. इसकी निगरानी कर रहे वैज्ञानिकों ने कहा है कि अदृश्य परत में छेद जो सालाना विकसित होता है वो वर्ष 2021 में अंटार्कटिका से बड़ा हो गया है. ऐसा ओजोन परत की रक्षा करने वाले मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को बरकरार रखने और ग्रह को एक डिग्री सेल्सियस गर्म होने से रोकने के लगभग एक महीने बाद हुआ है. कॉपरनिकस एटमॉस्फियर मॉनिटरिंग सर्विस के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस साल का छिद्र तेजी से बढ़ रहा है और 1979 के बाद से इस मौसम में ओजोन छिद्र के 75 प्रतिशत से भी बड़ा है. यहां तक कि यह अंटार्कटिका से भी बड़ा हो गया. यानी 40 साल बाद एक बार फिर से इसे इस आकार में देखा गया है.

Advertisment

यह भी पढ़ें : प्रदूषण से हिंसक हो रहा है इंसान, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने किया दावा

 

इस मौमम में बनता है छेद

ओजोन पृथ्वी की सतह से लगभग सात से 25 मील (11-40 किमी) ऊपर, समताप मंडल में मौजूद है और ग्रह के लिए एक सनस्क्रीन की तरह काम करता है जो इसे पराबैंगनी विकिरण से बचाता है. हर साल, दक्षिणी गोलार्ध की देर से सर्दियों के दौरान एक छेद बनता है क्योंकि सूर्य ओजोन-क्षयकारी प्रतिक्रियाओं का कारण बनता है, जिसमें मानव निर्मित यौगिकों से प्राप्त क्लोरीन और ब्रोमीन के रासायनिक रूप से सक्रिय रूप शामिल होते हैं. कोपरनिकस ने एक बयान में कहा कि इस साल का छेद सामान्य से बड़ा हो गया है. सेवा के निदेशक विंसेंट-हेनरी प्यूच ने बताया, हम इस स्तर पर वास्तव में यह नहीं कह सकते कि ओजोन छिद्र कैसे विकसित होगा, हालांकि, इस वर्ष का छेद उल्लेखनीय रूप से 2020 के समान है, जो कि सबसे गहरा और सबसे लंबे समय तक चलने वाला था जो क्रिसमस के आसपास बंद हो गया था.

ओजोन में छेद बड़ा होने से इसलिए खतरा है पृथ्‍वी को
वैज्ञानिकों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि ओजोन में छेद मानव निर्मित है और अनियंत्रित ग्रीनहाउस उत्सर्जन का परिणाम है. ओजोन परत ग्रह के ऊपर एक कंबल के रूप में कार्य करती है जो हमें सूर्य से निकलने वाली खतरनाक अल्‍ट्रावायलेट किरणों से बचाती है, हालांकि, इस कंबल रूपी परत में खोजे गए एक छेद ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए चिंता पैदा कर दी है. छेद, पहली बार 1985 में ओजोन-क्षयकारी रसायनों और क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) सहित ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के परिणामस्वरूप देखा गया था. 

HIGHLIGHTS

  • ओजोन परत के होल को लेकर नया खुलासा
  • इस साल 2021 में ओजोन परत अंटार्कटिका से बड़ा हुआ
  • 40 साल बाद एक बार फिर से इसे इस आकार में देखा गया

 

 

 

Antarctica Ozone hole scientist वैज्ञानिक परत ओजोन layer अंटार्कटिका bigger छेद
      
Advertisment