दुश्मन पर अंतरिक्ष से नजर रखेगा भारत, इस सैटेलाइट के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती आज से शुरू
यह प्रस्तावित प्रक्षेपण इस साल का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन होगा.
चेन्नई:
भारतीय रॉकेट, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-सी 49 (पीएसएलवी-सी 49) के 7 नवंबर यानी कल प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती आज से शुरू हो जाएगी, जोकि देश के रडार इमेजिंग उपग्रह (सैटेलाइट) और 9 अन्य विदेशी उपग्रहों को लेकर जाएगा. पहले लॉन्च पैड से रॉकेट लॉन्च के लिए 26 घंटे की उलटी गिनती शुरू होगी. श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से 7 नवंबर यानी कल दोपहर 3 बजे इन 10 उपग्रहों वाले रॉकेट को प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है.
यह भी पढ़ें: अब बादलों के बीच भी अंतरिक्ष से पृथ्वी की ली जा सकेगी स्पष्ट तस्वीर, 7 को लांच हो सकता है रडार इमेजिंग सैटेलाइट
2020 में इसरो का यह पहला अंतरिक्ष मिशन
प्रक्षेपित किए जाने वाले 9 विदेशी उपग्रहों में लिथुआनिया (1-प्रौद्योगिकी डेमन्स्ट्रेटर), लक्समबर्ग (क्लेओस स्पेस द्वारा 4 मैरीटाइम एप्लीकेशन सैटेलाइट) और यूएस (4-लेमुर मल्टी मिशन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) शामिल हैं. यह प्रस्तावित प्रक्षेपण इस साल का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन होगा.
हर मौसम, दिन-रात पृथ्वी पर रहेगी भारत की नजर
गौरतलब है कि ईओएस-01 अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक एडवांस्ड सीरीज है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) लगा है, जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है. इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और स्पष्ट तस्वीर खींची जा सकती है. यह दिन-रात की तस्वीरें ले सकता है और निगरानी करने के साथ-साथ ही नागरिक गतिविधियों के लिए उपयोगी है.
यह भी पढ़ें: DRDO ने किया पिनाका रॉकेट प्रणाली का सफल परीक्षण
इस बार पीएसएलवी रॉकेट के डीएल वैरिएंट का उपयोग
इस बार इसरो पीएसएलवी रॉकेट के डीएल वैरिएंट का उपयोग करेगा, जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर मोटर्स होंगे. इस रॉकेट वैरिएंट का इस्तेमाल पहली बार 24 जनवरी 2019 को ऑर्बिट माइक्रोसेट आर सैटेलाइट में किया गया था. पीएसएलवी एक चार चरण/इंजन रॉकेट है, जो ठोस और तरल ईंधन द्वारा वैकल्पिक रूप से छह बूस्टर मोटर्स के साथ संचालित किया जाता है, जो शुरुआती उड़ान के दौरान उच्च गति देने के लिए पहले चरण पर स्ट्रैप होता है.
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के निदेशक एस. सोमनाथ ने हाल ही में बताया था कि श्रीहरिकोटा में रॉकेट पोर्ट पर लॉन्च के लिए तीन रॉकेट तैयार हो रहे हैं. इनमें ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल सी49 (पीएसएलवी सी49), पीएसलेवी सी50 और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: चंद्रमा की सतह पर मिला पानी, नासा ने की पुष्टि
उड़ान भरने वाला अगला जीसैट-12आर उपग्रह के साथ पीएसएलवी-सी50 होगा
पीएसएलवी-सी49 के बाद उड़ान भरने वाला अगला जीसैट-12आर उपग्रह के साथ पीएसएलवी-सी50 होगा. उन्होंने कहा था कि यह दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा. सोमनाथ ने कहा, 'हमने दिसंबर में किसी भी समय पीएसएलवी-सी50 के लिए टारगेट रखा है. एक लॉन्च के बाद दूसरे लॉन्च के लिए तैयारी में लगभग 30 दिनों का समय चाहिए.'
अन्य भारतीय उपग्रह भी प्रक्षेपण के लिए तैयार हैं, जिनमें जीसैट, माइक्रोसैट-2ए और जीसैट-12आर शामिल हैं. लॉन्च से एक दिन पहले तकनीकी कारणों से इस साल पांच मार्च को जीसैट-1 उपग्रह का प्रक्षेपण स्थगित कर दिया गया था. सोमनाथ ने कहा कि जीसैट-1 उपग्रह को जीएसएलवी रॉकेट द्वारा ले जाया जाएगा. उनके मुताबिक, जीसैट-1 को ले जाने वाले जीएसएलवी के पीएसएलवी सी-50 के बाद उड़ान भरने की उम्मीद है. सोमनाथ ने यह भी कहा कि इसरो ने तिरुवनंतपुरम स्थित वीएसएससी से दूर श्रीहरिकोटा में रॉकेट पोर्ट पर रॉकेट सिस्टम का परीक्षण करने के लिए एक वर्चुअल लॉन्च कंट्रोल सेंटर विकसित किया है.
वीडियो
IPL 2024
-
PBKS vs MI Dream11 Team : पंजाब और मुंबई के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुनें कप्तान
-
PBKS vs MI Head to Head : पंजाब और मुबंई में होती है कांटे की टक्कर, हेड टू हेड आंकड़ों में देख लिजिए
-
PBKS vs MI Pitch Repot : बल्लेबाज मचाएंगे धमाल या और गेंदबाज मारेंगे बाजी? जानें कैसी होगी मोहाली की पिच
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय
-
Mangal Gochar 2024: मंगल के गोचर से इस राशि को मिलेगी अचानक नई नौकरी, जानें अपनी राशि का हाल
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी
-
Chanakya Niti For Success: चाणक्य की ये 10 बातें गांठ बांध लें जीवन में सफलता चूमेगी आपके कदम