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नंदी के दूध पीने का सच आया सामने, चमत्कार के पीछे छीपी है गहरी साइंस ( Photo Credit : Social Media)
लगभग ढाई दशक पहले एक खबर ने देशभर में हंगामा मचा दिया था. 1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को यह अफवाह फैली की गणेश प्रतिमाएं दूध पी रही हैं. देखते ही देखते मंदिरों में भीड़ लग गई. न्यूज चैनलों पर अटलजी समेत कई नेता गणेशजी को दूध पिलाते दिख रहे थे. इसके बाद लोगों ने एक दूसरे को फोन करके इसकी सूचना दी. जिसको जहां जानकारी लगी, गणेश मंदिर का पता पूछ वहां पहुंच गया. एक के बाद एक लोग दूध पिलाते रहे और गणेश प्रतिमाएं वैसे ही दूध को पीती रहीं. इसके बाद समय-समय पर दूसरे देवी-देवताओं के दूध पीने की खबर भी आती रहीं.
अक्सर ऐसे चमत्कारों की ख़बरें उठती रहती हैं कि किसी मंदिर में मौजूद मूर्ती की आँख से आंसू निकल रहे हैं या फिर किसी मूर्ती ने दूध पिया या पानी पिया है. ऐसा ही कुछ एक बार फिर से सामने आया है जिसमें ये कहा जा रहा है कि नंदी बैल की प्रतिमा साक्षात दूध पीते हुई नजर आ रही है. फाल्गुन का पवित्र माह (Falgun Month 2022) चल रहा है और साल का सबसे पहला व बड़ा त्यौहार होली (Holi 2022) बस आने को ही है. न सिर्फ इस माह को बल्कि होली को भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और आस्था का केंद्र माना जाता है. ऐसे में भगवान शिव के वाहन और उनके परम भक्त नंदी के दूध पीने की खबर जमकर वायरल हो रही है. जिसके चलते अब भक्तों की नजरों में इसे चमत्कार का रूप मिल चुका है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं चमत्कार के पीछे छिपे साइंस के गहरे राज के बारे में.
जब भी हम सोशल मीडिया या टीवी पर ऐसी कोई खबर देखते हैं तो खुश हो जाते हैं और दिल में भक्ति का भाव और भी ज्यादा मजबुत हो जाता है. ऐसे में इस बात से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्य हैं जिनके मुताबिक-
- दरअसल ये चमत्कार जो आप सोशल मीडिया या टीवी पर देखते हैं वो चमत्कार विज्ञान का है. सर्फेस टेंशन या प्रष्ठ तनाव के कारण ये चीजें होती हैं.
- मूर्तियों में तमाम पोर्स या छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिससे लिक्विड अंदर की ओर सक हो जाता है.
- इन सकिंग पोर्स के पास कोई भी लिक्विड या दूध जब लाया जाता है तो वो इन्हीं पोर्स से होता हुआ मूर्ति के अंदर चला जाता है और हम ये कहते हैं कि मूर्ति दूध पी रही है.
- ध्यान देने योग्य बात ये है कि फाल्गुन के पहले भयंकर सर्दी पड़ती है और जब पानी पड़ता है तो ये वैक्युम पोर्स या सकिंग पोर्स एक्टिव हो जाते हैं.