NASA के पर्सिवियरेंस मंगल रोवर का विंड सेंसर तैनात
18 फरवरी 2021 को मंगल पर उतरे नासा के इस रोवर ने अब अपने विंड सेंसर को चालू कर दिया है, जो रोवर के मौसम स्टेशन का हिस्सा है, जिसे मार्स एनवायरनमेंटल डायनामिक्स एनालाइजर (मेडा) कहा जाता है.
highlights
- 18 फरवरी 2021 को मंगल पर उतरे नासा के इस रोवर ने अब अपने विंड सेंसर को चालू किया
- नासा ने कहा कि लैंडिंग के बाद से उसका रोवर हर सिस्टम और सबसिस्टम पर जांच से गुजरा है
वाशिंगटन :
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने अपने पर्सिवियरेंस रोवर को हाल ही में सफलतापूर्वक जेजेरो क्रेटर पर सफलतापूर्वक लैंड कराया है. 18 फरवरी 2021 को मंगल पर उतरे नासा के इस रोवर ने अब अपने विंड सेंसर को चालू कर दिया है, जो रोवर के मौसम स्टेशन का हिस्सा है, जिसे मार्स एनवायरनमेंटल डायनामिक्स एनालाइजर (मेडा) कहा जाता है. बुधवार को जारी स्पेस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, रोबोट के नेविगेशन कैमरों द्वारा स्नैप की गई तस्वीर के पहले और बाद में विंड सेंसर की तैनाती को समझा जा सकता है. नासा ने कहा कि लैंडिंग के बाद से उसका रोवर हर सिस्टम और सबसिस्टम पर जांच से गुजरा है और जेजेरो क्रेटर से हजारों तस्वीरों को वापस भेजा है.
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ये परीक्षण आने वाले दिनों में भी जारी रहेंगे और रोवर अपनी पहली ड्राइव करेगा. प्रत्येक सिस्टम चेकआउट और प्रमुख मील का पत्थर पूरा कर लिया गया है, क्योंकि सतह के संचालन (सर्फेस ऑपरेशन) के लिए रोवर तैयार है. प्राथमिक मिशन एक मार्टियन वर्ष, या 687 पृथ्वी के दिनों (अर्थ डेज) के लिए निर्धारित किया गया है. बता दें कि नासा ने अपने पर्सिवियरेंस रोवर को सफलतापूर्वक जेजेरो क्रेटर पर सफलतापूर्वक लैंड कराया है, जो कि लाल ग्रह (मंगल) का एक बेहद दुर्गम इलाका है.
छह पहियों वाले इस रोवर को कम से कम दो साल तक यहीं रखा जाएगा और इस दौरान यह यहां के चट्टानों की ड्रिलिंग करेगा. गौरतलब है कि यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा मंगल ग्रह पर भेजा गया एक ऐसा दूसरा रोवर है, जो एक टन वजनी है.
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नोएडा में सबसे बड़ी रोबोट फैक्ट्री की शुरुआत
ऑटोमेशन और रोबोट बनाने वाली कंपनी एडवर्ब टेक्नोलॉजीज ने नोएडा में 75 करोड़ रुपये की अपनी विनिर्माण इकाई का शुभारंभ किया है. इस फैक्ट्री के लगने से करीब 450 लोगों को रोजगार मिलेगा और तकनीकि के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा. कंपनी ने अपनी इस इकाई को 'बूट वैली' का नाम दिया है, जिसमें एक साल के भीतर अलग-अलग तरह के 50,000 से अधिक रोबोट्स को बनाने की क्षमता होगी. ये रोबोट्स उत्तम दर्जे की इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल मशीनों से लैस होंगे.
इस रोबोट फैक्ट्री का उद्धाटन करने वाले नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कान्त ने कहा, "हम इंडस्ट्री 4.0 में कदम रख चुके हैं, जहां वर्तमान समय में बिजनेस ईको-सिस्टम की मांग और बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी एडवर्ब की मदद करेगी। रोबोटिक्स रिटेल से लेकर हेल्थकेयर और भंडारण से लेकर सप्लाई चेन तक हर तरह की इंडस्ट्रीज में चीजों को सुव्यस्थित रखने के लिए मददगार है. 2.5 एकड़ की जमीन पर फैली इस विनिर्माण इकाई में नए जमाने के रोबोटिक्स और डिजिटलाइजेशन तकनीकियों पर काम होगा.
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