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ISRO आज फिर रचेगा इतिहास, हासिल करेगा ये बड़ी कामयाबी

आज दोपहर 3 बजकर 2 मिनट पर इसरो के प्रक्षेपण यान PSLV-C49 को 10 उपग्रहों (Satellites) के साथ लॉन्च किया जाएगा.

Updated on: 07 Nov 2020, 08:03 AM

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी के बीच इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अपना कमबैक करने जा रहा है. इसरो आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से EOS-01 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) को दोपहर 3:02 मिनट पर लॉन्च करेगा. इस सैटेलाइट को PSLV-C49 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. ये देश के रडार इमेजिंग उपग्रह (सैटेलाइट) और नौ अन्य विदेशी उपग्रहों को लेकर जाएगा. इसके लिए 26 घंटे की उल्टी गिनती शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 02 मिनट पर शुरू हो चुकी है.

लॉन्च किए जाने वाले नौ विदेशी उपग्रहों में लिथुआनिया (1-प्रौद्योगिकी डेमन्स्ट्रेटर), लक्समबर्ग (क्लेओस स्पेस द्वारा 4 मैरीटाइम एप्लीकेशन सैटेलाइट) और यूएस (4-लेमुर मल्टी मिशन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) शामिल हैं. ईओएस-01 अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक एडवांस्ड सीरीज है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) लगा है, जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है.

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सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत
इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और साफ तस्वीर खींची जा सकती है. यह दिन-रात की तस्वीरें ले सकता है और निगरानी करने के साथ-साथ ही लोगों की गतिविधियों के लिए उपयोगी है. इस बार इसरो पीएसएलवी रॉकेट के डीएल वैरिएंट का इस्तेमाल करेगा, जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर मोटर्स होंगे.

इस रॉकेट वैरिएंट का इस्तेमाल पहली बार 24 जनवरी 2019 को ऑर्बिट माइक्रोसेट आर सैटेलाइट में किया गया था. पीएसएलवी एक चार स्टेज/इंजन रॉकेट है, जो ठोस और तरल ईंधन द्वारा वैकल्पिक रूप से छह बूस्टर मोटर्स के साथ संचालित किया जाता है, जो शुरुआती उड़ान के दौरान उच्च गति देने के लिए पहले चरण पर स्ट्रैप होता है. इस सैटेलाइट के लॉन्च का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर चैनलों पर देखा जा सकता है.

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शुक्रवार को शुरू हुआ काउंट डाउन
सभी उपग्रहों को लॉन्च करने का काउंटडाउन शुक्रवार दोपहर शुरू हुआ. जिसके ठीक 26 घंटे बाद यानी शनिवार को शाम 3 बजकर 2 मिनट पर एक साथ सभी सैटेलाइट्स को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. आज लॉन्च होने वाले एकमात्र भारतीय सेटेलाइट देश के लिए काफी अहम है.

सीमाओं की निगरानी की क्षमता बढ़ेगी
ISRO के वैज्ञानिक आर सी कपूर ने कहा कि EOS-01 अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक अडवांस्ड सीरीज है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार  लगाया गया है. जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है. इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और स्पष्ट तस्वीरें खींची जा सकती हैं. देश की सुरक्षा के लिए भी ये सैटेलाइट बेहद खास है. इससे हर वक्त देश की सीमाओं की निगरानी संभव होगी. साथ ही खेती और आपदा प्रबंधन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

इस साल में इसरो की पहली लॉन्चिंग
आज की लॉन्चिंग इसरो की इस साल की पहली लॉन्चिंग है. इसके बाद अगले महीने दिसंबर में इसरो GSAT-12R कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहा है. जिसे PSLV-C50 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा. कुल मिलाकर आज का दिन इसरो की गौरवशाली परंपरा में आगे बढ़ने का एक और कदम है. कई कामयाब मिशन को सफलता पूर्वक पूरा करने वाले वैज्ञानिकों पर देश को गर्व है.