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भारतीय स्पेसटेक स्टार्टअप्स ने ऊंचाई छूने से पहले उठाए छोटे कदम

बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने अपने वैश्विक कंसटेलेशन के लिए दिसंबर 2022 तक कुल 30 उपग्रहों को तैनात करने की योजना बनाई है.

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Nihar Saxena
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भारतीय स्टार्टअप्स तैयार हैं अंतरिक्ष में बड़ी छलांग के लिए.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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यह उम्मीद करते हुए कि देश जल्द ही अंतरिक्ष परिसंपत्तियों का विनिर्माण केंद्र बन जाएगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता को अनलॉक करने के फैसले ने एक नए युग सार्वजनिक निजी साझेदारी की शुरुआत की है. इन शब्दों से प्रेरित होकर भारत में स्पेसटेक स्टार्टअप ने निकट भविष्य में एक बड़ी छलांग लेने की लिए अपनी यात्रा की शुरुआत की है. सरकार ने पिछले साल जून में अंतरिक्ष (Space) क्षेत्र को खोला और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेसई) बनाया, जो इसरो और निजी कंपनियों के बीच एक कड़ी के रूप में काम कर रहा है. यह उनके लिए है जो अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधियों में भाग लेना चाहते हैं या भारत के अंतरिक्ष संसाधन का उपयोग करना चाहते हैं.

इस साल दो उपग्रह भेजेगा होमग्रोव प्राइवेट अर्थ
जबकि होमग्रोव प्राइवेट अर्थ इमेजिंग कंपनी पिक्सल करीब 7.3 मिलियन (लगभग 53 करोड़ रुपये) के सीड राउंड के करीब है ओर यह इस साल दो उपग्रहों को अंतरिक्ष भेजने पर काम कर रहा है. अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) ने चेन्नई स्थित छोटी रॉकेट कंपनी अग्निकुल कॉसमोस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं और तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग किया जा सके. पिक्सल के संस्थापक और सीईओ अवैस अहमद ने कहा, सरकार पिक्सल जैसे स्पेसक्राफ्ट स्टार्टअप को प्रोत्साहन प्रदान कर रही है.

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2022 तक 30 उपग्रह तैनात करने की योजना
23 वर्षीय उद्यमी ने कहा, 'पिक्सल की समृद्ध उपग्रह इमेजरी कृषि, पर्यावरण, प्राकृतिक आपदाओं, शहरी निगरानी आदि क्षेत्रों में कई मुद्दों से निपटने में मदद करेगी, जिसकी सरकार स्वयं एक लाभार्थी होगी. उच्च गुणवत्ता वाली इमेजरी के अलावा हम ग्राहकों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस डेटा का विश्लेषण करने के लिए एक मंच का निर्माण भी कर रहे हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें.' बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने अपने वैश्विक कंसटेलेशन के लिए दिसंबर 2022 तक कुल 30 उपग्रहों को तैनात करने की योजना बनाई है. 'अभी के लिए मुख्य फोकस पूरे कंसटेलेशन को वहां पहुंचाना है. एक बार जब यह पूरी तरह से तैनात हो जाता है, तो यह अंतरिक्ष क्षेत्र की क्षमता और संसाधनों को बढ़ाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि देश में सभी के लिए अंतरिक्ष के लाभों को पृथ्वी पर लाया जाए.' 

टेकस्टार्स भी पीछे नहीं
अहमद और क्षितिज खंडेलवाल ने 2019 में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) में पढ़ाई के दौरान इसकी स्थापना की थी. पिक्सल एशिया का एकमात्र प्रतिभागी था जिसे 'टेकस्टार्स स्टार्टबर्स्ट स्पेस एसेलेरेटर' के लिए चुना गया. वहीं अग्निकुल ने पिछले साल 4 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए, जबकि पुणे स्थित वेस्टा स्पेस टेक्नोलॉजी ने यूएस-आधारित नेक्स्ट कैपिटल एलएलसी से भी 10 मिलियन डॉलर जुटाए हैं. अग्निकुल कॉस्मोस अब भारतीय रॉकेट लॉन्च केंद्रों के अलावा छोटे उपग्रहों के साथ अपने रॉकेट लॉन्च करने के लिए विदेशी रॉकेट पोर्ट्स की ओर देख रहा है.

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अगले साल रॉकेट अग्निबाण
श्रीनाथ रविचंद्रन, सह-संस्थापक और सीईओ, अग्निकुल कॉस्मोस, ने हाल ही में बताया था, 'हमारी पहली प्राथमिकता श्रीहरिकोटा में भारतीय रॉकेट पॉर्ट्स या तमिलनाडु में कुलसेकरपट्टिनम (दोनों भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से संबंधित) का उपयोग करना है. यदि ग्राहक किसी अन्य देश से होने वाले प्रक्षेपण को प्राथमिकता देता है, तो हम रॉकेट को शिप करेंगे और वहां से लॉन्च करेंगे.' कंपनी अगले साल अपने रॉकेट 'अग्निबाण' की शुरूआत के लिए आशान्वित है, जो लगभग 100 किलोग्राम पेलोड को 700 किलोमीटर ऊंची कक्षा में ले जाने में सक्षम है.

वैश्विक टेक दिग्गज देख रहे भारत की ओर
इसरो प्रमुख के के सिवन के अनुसार, वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र का वैश्विक बाजार आकार लगभग 350 अरब डॉलर का है और भारत का बाजार में हिस्सा तीन प्रतिशत से भी कम है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि यदि इसरो अंतरिक्ष क्षेत्र में एकमात्र खिलाड़ी बना रहा, तो भारत के बाजार में सुधार नहीं होगा. इसी अवसर को भांपते हुए वैश्विक टेक दिग्गज भारत की नई अंतरिक्ष यात्रा में मदद करने के लिए आगे आए हैं.

HIGHLIGHTS

  • मोदी सरकार ने पिछले साल जून में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोला
  • स्पेसटेक स्टार्टअप निकट भविष्य में बड़ी छलांग को तैयार
  • 2022 तक 30 उपग्रह तैनात करने की योजना स्टार्टअप की
पीएम नरेंद्र मोदी भारत INDIA अंतरिक्ष space Startups Space Mission स्टार्टअप्स अंतरिक्ष मिशन World Space Programme PM Narendra Modi
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