Moon: अब चांद पर भी रह सकता है इंसान, वैज्ञानिकों ने ढूंढी ऐसी जगह, जानें

जैसे-जैसे विज्ञान प्रगति कर रहा है, चांद के रहस्य उजागर हो रहे हैं. इटली के वैज्ञानिकों ने चांद पर विशाल गुफा का पता लगाया है. यह अपोलो-11 की लैंडिंग वाली जगह के करीब ही है. गुफा भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आराम का स्थान बन सकती है.

जैसे-जैसे विज्ञान प्रगति कर रहा है, चांद के रहस्य उजागर हो रहे हैं. इटली के वैज्ञानिकों ने चांद पर विशाल गुफा का पता लगाया है. यह अपोलो-11 की लैंडिंग वाली जगह के करीब ही है. गुफा भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आराम का स्थान बन सकती है.

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moon cave discovery( Photo Credit : Social Media)

जैसे-जैसे विज्ञान आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे चांद की परतें खुलती जा रही हैं. दुनिया भर के देश चांद पर उपग्रहों को भेजकर रहस्य उजागर कर रहे हैं. जैसे पिछले साल भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की लैंडिंग कराई और चांद पर पानी, सल्फर सहित अन्य चीजों की खोज की. इससे साबित होता है कि चांद भविष्य में रहने लायक हो सकता है. अब इटली के वैज्ञानिकों ने चांद से जुड़ा एक अहम दावा किया है. उन्होंने बताया कि चांद पर एक एक विशाल गुफा है. खास बात है कि यह जगह नील आर्मस्ट्रॉन्ग की लैंडिंग वाली जगह के काफी करीब है. 

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वैज्ञानिकों का मानना है कि जहां विशाल गुफा पाया गया है, वहां ऐसी और गुफाएं भी हो सकती हैं. भविष्य में अंतरिक्ष यात्री इसे आराम करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. चांद पर मिले गुफा अच्छी खासी बड़ी है. यह जगह अपोलो-11 के उतरने वाली जगह से मात्र 400 किलोमीटर दूर है.  

अब तक गुफा की सिर्फ शुरुआती बिंदु की जानकारी
उन्होंने बताया कि गुफा का निर्माण लावा ट्यूब के बहने के कारण हुआ है. वहां ऐसी 200 और गुफाएं हैं. रडार की मदद से अब तक सिर्फ गुफा की शुरुआती बिंदु का पता लगा है. लेकिन ऐसा लगता है कि यह सुरंग कम से कम 40 मीटर चौड़ी और 10 मीटर लंबी है. संभावना है कि यह इससे अधिक बड़ी भी हो सकती है. 

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दक्षिणी ध्रुव पर भी हो सकती हैं गुफाएं
ट्रेंटो विश्वविद्यालय के लियोनार्डो कैरर और लोरेंजो ब्रुजोन का कहना है कि चंद्रमा की गुफाएं 50 से अधिक वर्षों के लिए रहस्य थी. वर्षों बाद किसी ने इन रहस्यों से पर्दा हटाया है. दक्षिणी ध्रुव पर भी अधिकांश गुफाएं हो सकती है. यहां इस दशक के अंत में अंतरिक्ष यात्री पहुंचेंगे. माना जाता है कि दक्षिणी ध्रुव पर पानी जमा हुआ है. यह पीने के साथ-साथ रॉकेट ईंधन के काम भी आ सकता है.  

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Source : News Nation Bureau

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