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11 करोड़ साल पहले इंग्लैंड का यह इलाका गढ़ होता था डायनासोर्स का

यह पदचिन्ह 80 सेंटीमीटर चौड़ा और 65 सेंटीमीटर लंबा है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि ये इगुआनोडोन डायनासोर के हो सकते हैं.

Updated on: 20 Jun 2021, 03:07 PM

highlights

  • पदचिन्ह 80 सेंटीमीटर चौड़ा और 65 सेंटीमीटर लंबा है
  • ये इगुआनोडोन डायनासोर के निशान हो सकते हैं  
  • 11 करोड़ साल पहले गढ़ हुआ करता था इलाका

लंदन:

ब्रिटेन में केंट की धरती पर 11 करोड़ साल पहले के आखिरी डायनासोरों की कम से कम छह विभिन्न प्रजातियों के पैरों के निशान मिले हैं. अनुसंधानकर्ताओं ने एक नयी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है. हेस्टिंग म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी के एक क्यूरेटर और यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के एक वैज्ञानिक ने ऐसे पदचिह्नों की खोज की है जो ब्रिटेन में आखिरी डायनासोरों के हैं. इनका दावा है कि ब्रिटेन के आसपास घूमने वाले ये आखिरी डायनासोर रहे होंगे. यह पदचिन्ह 80 सेंटीमीटर चौड़ा और 65 सेंटीमीटर लंबा है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि ये इगुआनोडोन डायनासोर के हो सकते हैं. ये डायनासोर शाकाहारी थे. ये करीब 10 मीटर लंबे होते थे. ये या तो दो पैरों से चलते थे, ताकि दूर तक देख सकें, खाना खोज सके. या फिर भागते समय चारों पैरों का उपयोग करते थे. 

11 करोड़ साल पहले गढ़ हुआ करता था यह इलाका
डायनासोर के पैरों के निशान जब बने तब यहां पर मिट्टी नरम थी. लेकिन बाद में यह सख्त होकर पत्थर बन गई. हालांकि, इससे निशान नहीं गए. अब ये बेहद सख्त हैं. अलग-अलग डायनासोरों के पैरों के निशान दिखने का मतलब है कि इस इलाके में डायनासोर की विभिन्न प्रजातियां रहती थीं. यानी 11 करोड़ साल पहले क्रेटासियस काल में दक्षिण इंग्लैंड इनका गढ़ हुआ करता था. पैरों के निशान की जांच करने पर पता चला कि यहां पर एंकिलोसॉरस रहते थे, जो चलते-फिरते टैंक थे. क्योंकि इनकी खाल किसी कवच से कम नहीं थी. थेरोपॉड्स के पैरों में तीन उंगलियां होती थी. ये मांसाहारी होते थे, जैसे टाइरैनोसॉरस रेक्स हुआ करते थे. इसके अलावा यहां ऑर्निथोपॉड्स डायनासोर के पैरों के निशान मिले हैं. ये पौधे खाने वाले पक्षियों की तरह दिखने वाले डायनासोर थे.  

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तटीय क्षेत्र और चट्टानों पर मिले निशान
ये पदचिह्न केंट के फोकस्टोन में तटीय क्षेत्र और चट्टानों पर मिले हैं. यहां तूफानी परिस्थितियों के कारण चट्टानों और तटीय जलीय क्षेत्र के प्रभावित होने से लगातार नए जीवाश्मों का पता चलता है. जीवाश्म पत्थरों से बाहर निकल रहे हैं. कई निशानों में तो समुद्री पानी और काई जमा रहती है. यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ में पुराजैविकी के प्रोफेसर डेविड मार्टिल ने कहा, ‘यह पहली बार है जब फोकस्टोन फॉर्मेशन नामक चट्टानी सतह पर पैरों के ये निशान मिले हैं और यह बेहद महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि ये डायनासोर विलुप्त होने से पहले देश में आखिरी रहे होंगे.’

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10 साल की मेहनत का परिणाम है यह खोज
उन्होंने कहा, ‘वे उस जगह के करीब घूम रहे थे जहां अब डोवर की सफेद चट्टान हैं. अगली बार जब आप नौकायन पर निकलें और इन शानदार चट्टानों को देखें तो बस आस-पास उनकी मौजूदगी की कल्पना करें.’ संबंधित रिपोर्ट ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द जियोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन’ पत्रिका के इस सप्ताह के अंक में प्रकाशित हुई है. डायनासोरों के पैरों के कुछ निशान फोकस्टोन संग्रहालय में भी प्रदर्शित किए गए हैं. हेस्टिंग्स म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी से जुड़े क्यूरेटर फिलिप हाडलैंड इसके मुख्य लेखक हैं. फिलिप हैडलैंड ने कहा कि साल 2011 में मुझे फोल्कस्टोन के पत्थरों का आकार और बनावट कुछ अलग लग रहा था. मुझे लगता था कि यहां पर जो निशान दिख रहे हैं, वो सिर्फ रिपीट हो रहे हैं. लेकिन इससे ज्यादा मैं ध्यान नहीं दे पाया. मैं इंतजार कर रहा था कि लहरों के टकराने से ये पत्थर कटेंगे तो और निशान ऊपर आएंगे.