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Alien के अस्तित्व को लेकर वैज्ञानिकों का दावा: यहां पर हो सकती है एलियन की मौजूदगी

वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वास्तव में एलियन होते भी हैं या फिर यह बस एक महज किस्सा-कहानी है.

Updated on: 17 Jun 2021, 02:59 PM

highlights

  • University of Concepción के वैज्ञानिकों के शोध में एलियन को लेकर खुलासा
  • कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि एलियन मौजूद हैं और किसी दूसरे ग्रह पर रहते हैं
  • वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वास्तव में एलियन होते हैं भी?

नई दिल्ली:

लोगों के बीच एलियन (Alien) की मौजूदगी और उनका अस्तित्व हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है. यहां तक कि एलियन को लेकर अक्सर तरह-तरह के दावे भी किए जाते रहे हैं. कुछ वैज्ञानिकों का तो यहां तक मानना है कि एलियन मौजूद हैं और किसी दूसरे ग्रह पर रहते हैं, यही नहीं कहा जाता है कि एलियन अपने ग्रह से पृथ्वी पर नजर रखे हुए हैं. जबकि कुछ लोग इसको बिल्कुल कपोल कल्पित कहानी ही मानते हैं. हालांकि, इस दिशा में वैज्ञानिक लगातार शोध (Research) में जुटे हैं. वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वास्तव में एलियन होते भी हैं या फिर यह बस एक महज किस्सा-कहानी है. इस बीच, एलियन को लेकर चिली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कॉन्सेप्सियन की एक रिपोर्ट सामने आई है.

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वैज्ञानिकों ने बनाया Mathematical Model 

एक वेबसाइट WION में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ कॉन्सेप्सियन (University of Concepción) के वैज्ञानिकों के शोध में खुलासा हुआ है कि निष्कासित ग्रह या दुष्ट ग्रहों (Rogue Planets) में जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं. बताया गया कि यहां पर जीवन अनुकूल परिस्थितियों वाले चंद्रमा हो सकते हैं. इसके लिए वैज्ञानिकों की ओर से एक गणितीय मॉडल बनाया गया है, जिसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि कुछ 'एक्सोमून' (Exomoons) में पानी के अलावा वातावरण अनुकूल कंडीशन हो सकती हैं. 

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Rogue Planets?

वैज्ञानिकों के अनुसार बिना तारे वाले ग्रह युगो युगांतर तक अकेले ही ब्रह्मांड में भटकते रहते हैं. ऐसे ग्रहों को ही निष्कासित ग्रह या दुष्ट ग्रह (Rogue Planets) के नाम से जाना जाता है. ऐसे ग्रहों के कुछ प्राकृतिक उपग्रह भी हो सकते हैं, जिनको सामान्यत: एक्सोमून (Exomoons) कहकर पुकारा जाता है. क्योंकि इन दुष्ट ग्रहों में कोई तारा न होने की वजह से  उनका कोई ऊष्मा स्रोत (Heat Source) भी नहीं होता. वहीं, वैज्ञानिकों की ओर से तैयार किए  गए मॉडल के मुताबिक दुष्ट ग्रह के ब्रह्मांडीय विकिरण और गुरुत्वाकर्षण के कारण पानी और वातावरण की मौजूदगी के लिए पर्याप्त ऊष्मा पैदा करते हैं. हालांकि यहां पर पानी पृथ्वी की तुलना में बेहद कम होगा. वैज्ञानिक इसको एलियन के जीवन की दिशा में पहला और बड़ा कदम  मानकर चल रहे हैं.

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क्या कहती है वैज्ञानिकों की थ्योरी?

वैज्ञानिकों के अनुसार सबके जीवन को अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रकाश की जरूरत नहीं होती. क्योंकि पृथ्वी भी अपनी सारी ऊष्मा सूरज से प्राप्त करती है. पृथ्वी द्वारा सूर्य से उत्सर्जित उष्मा की वजह से ही समुद्र की गहराई में भी जीवन है. वहीं, क्योंकि सूर्य का प्रकाश  उस गहराई तक नहीं पहुंच पाता. इसलिए एक्सोमून के पानी में जीवन होने की संभावनओं से इनकार नहीं किया जा सकता. यही कारण है कि वैज्ञानिक मानते हैं कि दुष्ट ग्रहों (Rogue Planets) पर एलियन का अस्तित्व हो सकता है. यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एस्ट्रोबायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.