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कोरोना वायरस: सुबह या शाम, जानिए कब ज्यादा असरदार होती है वैक्सीन?

इम्यून सिस्टम इन संक्रमणों को समझने, खत्म करने और उनसे होने वाली हानियों को दूर करने के लिए अत्यधिक प्रशिक्षित होता है

Updated on: 12 Jun 2021, 02:53 PM

highlights

  • कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में भारी तबाही मचा चुकी है
  • बॉडी संक्रमित होती है तो इम्यून सिस्टम हरकत में आ जाता है
  • सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच इन्फ्लूएंजा का टीका लगाया जाएगा
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नई दिल्ली:

कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में भारी तबाही मचा चुकी है। इस बार कोरोना की वजह से लाखों की संख्या में लोग संख्या में लोग संक्रमित हुए और मरे भी। हालांकि फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीजों में कमी देखने को मिली है, जिसकी वजह से देश भर में लोकडाउन और कोरोना कफ्र्यू में रिलैक्स दे दिया गया है। आइए आज हम आपको बता दें कि कैसे बैक्टीरिया और वायरस हमें संक्रमित करते हैं। दरअसल, जब हमारी बॉडी संक्रमित होती है तो हमारा इम्यून सिस्टम हरकत में आ जाता है। इम्यून सिस्टम इन संक्रमणों को समझने, खत्म करने और उनसे होने वाली हानियों को दूर करने के लिए अत्यधिक प्रशिक्षित होता है। 

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जानिए बॉडी क्लॉक का महत्व

माना तो यह जाता है कि हमारा इम्यून सिस्टम हर समय एक ही पैर्टन पर काम करती करता है। फिर चाहे संक्रमण दिन में हुआ या रात में। लेकिन पिछले कई सालों से चल रही रिसर्च में खुलासा हुआ है कि हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम अलग-अलग समय में भिन्न-भिन्न प्रतिक्रिया देता है। जिसकी सबसे बड़ी वजह हमारी बॉडी की नेचुरल क्लॉक और प्रतिरक्षा कोशिकाओं समेत बॉडी की हर एक कोशिका बता सकते हैं कि यह दिन का कौन सा समय है। बॉडी क्लॉक को विकसित होने में लगा इतना समयदरअसल, हमारी बॉडी क्लॉक हमें जिंदा रहने में मदद करने के लिए लाखों वर्षों में विकसित हुई है। बॉडी की हर एक कोशिका में प्रोटीन का एक संग्रह होता है, जो अपने स्तर के आधार पर समय का संकेतक होता है। आपको बता दें कि कोशिकाओं को काम करने के तरीक में 24 घंटे की लय पैदा करके हमारी बॉडी क्लॉक ऐसा करती है। समझने के लिए यह हमारी बॉडी क्लॉक का ही काम होता है कि रात में सोने के लिए थकान की आवश्यक्ता है और उसके लिए मेलाटोनिन नाम के केमिकल का उत्पादन करना है। 

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कैसे तह होता है कि हम कितने बीमार होंगे

यह बात शायद ही किसी को पता होगी कि इन्फ्लूएंजा और हेपेटाइटिस जैसे किसी वायरस से हमारे संक्रमित होने का समय ही तय कर सकता है कि हम उससे कितने बीमार होंगे। अलग-अलग वायरस के लिए तय समय अलग-अलग होता है। बॉडी क्लॉक और वैक्सीन इस बात के भी प्रमाण हैं कि वायरस के खिलाफ इम्यून सिस्टम विकसित करने वाली वैक्स्ीन हमारी बॉडी की क्लॉक और दिन व रात के हिसाब से दिया जाता है। समझने के लिए 2016 में 65 साल के ढांई सो से अधिक वयस्क लोगों का एक परीक्षण किया गया, जिसमें पता चला कि सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच इन्फ्लूएंजा का टीका लगाया जाएगा। इससे पता चला है कि ऐसा करने वालों में दोपहर और शाम के समय टीका लगवाने वालो में अधिक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया हुई।