logo-image

आयुर्वेद में राष्ट्र की पोषण आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता : ईरानी

आयुर्वेद में राष्ट्र की पोषण आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता : ईरानी

Updated on: 01 Sep 2021, 09:45 PM

नई दिल्ली:

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने एक महीने तक चलने वाले पोषण माह 2021 उत्सव की शुरूआत की है, जिसके तहत कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की गई है।

उत्सव की शुरूआत को चिह्न्ति करने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा एक पोषण-वाटिका (न्यूट्री-गार्डन) का उद्घाटन किया गया।

इस मौके पर ईरानी ने महीने भर चलने वाले पोषण माह 2021 के तहत कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत करते हुए कहा कि राष्ट्र की पोषण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आयुर्वेद के उपयोग के प्राचीन ज्ञान का प्रभावी ढंग से प्रयोग कैसे किया जा सकता है, इस बारे में ज्ञान प्रदान करना समय की आवश्यकता है।

संपूर्ण पोषण में सुधार की दिशा में एक केंद्रित और समेकित ²ष्टिकोण के लिए पूरे सितंबर माह को साप्ताहिक विषयों में उप-विभाजित किया जाएगा।

पोषण (समग्र पोषण के लिए प्रधानमंत्री की व्यापक योजना) अभियान 8 मार्च, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, पोषण के दो मुख्य घटक हैं, अर्थात् वहन करने योग्य और समग्र कल्याण के लिए आसानी से उपलब्धता। यहीं पर आयुर्वेद काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

उन्होंने डब्ल्यूसीडी मंत्रालय के माध्यम से स्वस्थ संतान और सरल तथा उत्कृष्ट व्यंजनों के लिए आयुष कैलेंडर को लोकप्रिय बनाने पर भी विचार किया।

आयुष मंत्रालय ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ एक सहयोगी उद्यम के माध्यम से एनीमिया की घटनाओं को कम करने के लिए कई प्रयास किए हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने आईसीएमआर के साथ सहयोगात्मक उद्यम के माध्यम से एनीमिया की घटनाओं को कम करने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने वैज्ञानिक आंकड़ों के प्रकाशन की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि दुनिया आयुर्वेद के योगदान को स्वीकार कर सके।

हर साल पोषण माह सितंबर के दौरान पोषण अभियान के तहत मनाया जाता है, जिसे राष्ट्रीय पोषण मिशन के रूप में भी जाना जाता है। इसका उद्देश्य 2022 तक भारत को कुपोषण मुक्त देश बनाना है।

पोषण माह की शुरूआत को चिह्न्ति करने के लिए सत्तू पेय, तिल के लड्डू, झंगौर की खीर, नाइजर के बीज के लड्डू, आमलकी पनाका जैसे विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले आयुर्वेदिक पौष्टिक व्यंजनों को कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया गया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.