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लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही फार्मा कंपनी जेबी ने गुड पीपल फॉर गुड हेल्थ के अपने नए अवतार की घोषणा की

लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही फार्मा कंपनी जेबी ने गुड पीपल फॉर गुड हेल्थ के अपने नए अवतार की घोषणा की

Updated on: 27 May 2022, 04:40 PM

मुंबई:

भारत में सबसे तेजी से बढ़ती फार्मास्यूटिकल्स कंपनी जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड एक नए अवतार में उभरी है, जिसने गुड पीपल फॉर गुड हेल्थ होने के अपने मूल मूल्य (कोर वैल्यू) को बरकरार रखा है। कंपनी ने शुक्रवार को अपनी नई पहचान की घोषणा की।

उभरते स्वास्थ्य सेवा उद्योग और ग्राहकों की बदलती जरूरतों के साथ, जेबी ने भारत में अच्छे स्वास्थ्य के प्रसार को फिर से परिभाषित करने का प्रयास किया है।

जेबी का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स) का समर्थन करना और रोगियों के जीवन को नए नए तरीकों से समृद्ध करना है और साथ ही 45 वर्षों में निर्मित अखंडता, विश्वास और विश्वसनीयता के अपने मूल मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहना भी है।

जेबी - गुड पीपल फॉर गुड हेल्थ के लिए पहचान बदलने की घोषणा करते हुए, जेबी के सीईओ और निदेशक निखिल चोपड़ा ने कहा, 45 वर्षों में, हमने जेबी में अखंडता, विश्वास और विश्वसनीयता की एक मजबूत नींव बनाई है। अब हम अगली छलांग और अधिक चुस्त, रूझान के साथ और सरल बनने की ओर लगाने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमारे ग्राहकों की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी पेशकश और क्षमताएं अधिक विविध होती जा रही हैं, हमारी विनिर्माण प्रक्रियाएं अधिक मजबूत और लीन होती जा रही हैं, और स्वास्थ्य सेवा उद्योग को देखने का हमारा ²ष्टिकोण विश्व स्तर पर अधिक प्रगतिशील होता जा रहा है। हम स्वास्थ्य सेवा की दुनिया की जरूरतों के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनने के लिए खुद को ढाल रहे हैं।

चोपड़ा ने आगे कहा, हम हालांकि कई मायनों में बदल रहे हैं, मगर हम जेबी की ठोस नींव नहीं बदल रहे हैं। हमारी नई पहचान में एक सरल, ठोस रूप है जो हमारे सोचने और आचरण के तरीके को दर्शाता है। यह गुड पीपल फॉर गुड हेल्थ होने में हमारे विश्वास का प्रतीक है।

जेबी की वित्तीय उपलब्धियों पर बोलते हुए, जेबी के सीईओ ने कहा, हमारे लगातार बेहतर प्रदर्शन के कारण, हमने वित्तीय वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में बिक्री की गति को बनाए रखा है और इसे चुनौतीपूर्ण बाहरी वातावरण के बावजूद सकारात्मक नोट पर समाप्त किया है। हमारे घरेलू व्यापार ने अपने दोहरे अंकों की वृद्धि के साथ अपने शानदार प्रदर्शन को बनाए रखा है और हम शीर्ष 30 में भारतीय दवा बाजार (आईपीएम) में सबसे तेजी से बढ़ती कंपनी के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखना जारी रखे हुए हैं।

वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी ने 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वित्त वर्ष 2020-21 में 2,043 करोड़ रुपये की तुलना में 2,424 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया। पिछली तिमाही में बिक्री में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी और घरेलू फॉर्मूलेशंस ने 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए अपना मार्केट-बीटिंग प्रदर्शन जारी रखा।

मैट/एमएटी मार्च 2022 के अनुसार, जेबी 29 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी, जबकि बाजार में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई और वित्तीय वर्ष 2022 की अंतिम तिमाही के अनुसार, यह 21 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि बाजार में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2022 की अंतिम तिमाही में छह नए उत्पाद लॉन्च किए गए, जिसमें उत्पाद लाइन एक्सटेंशन को छोड़कर 15 से अधिक प्रमुख नए लॉन्च किए गए।

जेबी के अंतरराष्ट्रीय कारोबार में भी वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में वापस उछाल देखने को मिला है, जिसमें साल-दर-साल 9 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ सभी क्षेत्रों में दोहरे अंकों की वृद्धि देखी गई है। दक्षिण अफ्रीका और एपीआई में अनुबंध निर्माण व्यवसाय द्वारा संचालित एक मजबूत उछाल दर्ज किया गया है।

ग्राहकों (मरीजों) की उभरती जरूरतों को पूरा करते हुए, जेबी उभरती हुई नई तकनीकों को अपना रहा है और प्रमुख फार्मा ब्रांडों का अधिग्रहण कर रहा है। सैनजेम के हालिया अधिग्रहण ने जेबी को आईपीएम के शीर्ष-30 ब्रांडों में रैंक और आंकड़े हासिल करने में मदद की है। इसी तरह, अप्रैल 2022 में अजमर्दा के अधिग्रहण से, आईपीएम में जेबी की और भी रैंक बढ़ने की संभावना है।

जेबी सबसे तेजी से बढ़ती भारतीय दवा कंपनी के रूप में उभरी है और वित्तीय वर्ष 2021-22 में 19 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर के साथ यह आईपीएम में शीर्ष 30 फार्मा कंपनियों में शामिल है।

जेबी के पांच घरेलू ब्रांड आईपीएम के शीर्ष 300 में चार ब्रांडों (अजमर्दा सहित) के साथ कार्डियक थेरेपी सेगमेंट में शीर्ष 100 में शामिल हुए हैं। जेबी वर्तमान में आईपीएम में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सेगमेंट में 12वें स्थान पर है।

इसमें 20 प्रमुख चिकित्सीय श्रेणियों के साथ 350 से अधिक ब्रांड हैं। इसके ब्रांड भारत में लगभग हर पिन कोड वाले क्षेत्र में 600,000 फार्मेसियों में उपलब्ध हैं।

आईपीएम के शीर्ष 300 में जेबी के पांच घरेलू ब्रांड शामिल हैं, जिनमें रैंटैक (एंटी-अल्सरेट) आईपीएम रैंकिंग में 45वें और गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल सेगमेंट छठे स्थान पर है। इसके अलावा सिलाकर (एंटी-हाइपरटेंसिव) रैंक 52 पर और कार्डियक सेगमेंट रैंक 4 पर, सिलाकर-टी (उच्च-रक्तचापरोधी) रैंक के साथ 203 और कार्डियक सेगमेंट रैंक 22 पर है। इसके साथ ही मेट्रोगिल (अमीबीसाइड) आईपीएम रैंक में 194वें स्थान पर, निकार्डिया (एंटी-हाइपरटेंसिव) 240वें स्थान पर और कार्डिएक सेगमेंट 30वें स्थान पर है।

भारत में इसकी सात विनिर्माण सुविधाएं दुनिया भर में कठोर अंतरराष्ट्रीय नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले दुनिया के उच्चतम मानकों का अनुपालन करती हैं। यह उन कुछ भारतीय फार्मा कंपनियों में से एक है, जो ऑस्मोटिक-नियंत्रित रिलीज ओरल डिलीवरी सिस्टम तकनीक का उपयोग करती है।

जेबी ने दवा वितरण प्रारूप के रूप में लोजेंजेस में एक बेजोड़ तकनीकी नेतृत्व स्थापित किया है और आज यह औषधीय और हर्बल लोजेंजेस के दुनिया के शीर्ष पांच निर्माताओं में से एक है।

इसकी विनिर्माण प्रक्रिया के लिए 40 से अधिक उच्चतम वैश्विक मान्यताएं हैं, जिसमें यूएस, यूके, ईयू, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस/स्वतंत्र राष्ट्रों और ऑस्ट्रेलिया से प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) शामिल हैं।

जेबी 40 से अधिक विनियमित (रेगुलेटिड) और अर्ध-विनियमित बाजारों में फॉर्मूलेशन की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्यात करता है।

जेबी दक्षिण अफ्रीकी विनियमित बाजार में शीर्ष 15 कंपनियों में से एक है, जिसमें मजबूत सार्वजनिक और निजी उपस्थिति है।

रूस में, जेबी के पास 30 से अधिक वर्षों की ब्रांड इक्विटी है और उच्च विकास ओटीसी सेगमेंट में फील्ड फोर्स के साथ प्रत्यक्ष उपस्थिति है। यह वैश्विक फार्मा इनोवेटर्स और वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक प्रमुख भागीदार है।

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