सावधान! धरती पर है शनि की निगाह, कैसिनी ने उतारी तस्वीर
रात को आसमान की ओर देख के तारे पहचानने की कोशिश हम सब ने कभी ना कभी ज़रूर की होगी पर सोचिए अगर आसमान के उन्ही चमकीले तारों से हम अपनी पृथ्वी को देखते तो नज़ारा कैसा होता। चिंता छोड़िए क्यूंकी अब आप ये नज़ारा यहीं बैठे-बैठे देख सकते हैं।
नई दिल्ली:
रात को आसमान की ओर देख के तारे पहचानने की कोशिश हम सब ने कभी ना कभी ज़रूर की होगी पर सोचिए अगर आसमान के उन्ही चमकीले तारों से हम अपनी पृथ्वी को देखते तो नज़ारा कैसा होता। चिंता छोड़िए क्यूंकी अब आप ये नज़ारा यहीं बैठे-बैठे देख सकते हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी की दुर्लभ तस्वीरें जारी की हैं। कैसिनी ने यह तस्वीरें शनि ग्रह के छल्लों के बीच से गुज़रते हुए क्लिक की।
आपको बता दें शनि ग्रह की कक्षा (ऑरबिट) में चक्कर लगा रहा नासा का यह अंतरिक्ष यान कैसिनी अपने अंतिम पड़ाव (The Grand Finale) में पहुंच गया है। कैसिनी लगभग 13 वर्ष से शनि के चारों ओर की कक्षा में स्थित है और अब कैसिनी स्पेसक्राफ्ट शनि के सबसे बड़े उपग्रह टाइटन के लिए अंतिम उड़ान भर चुका है।
और पढ़ें: हो जाइए टेंशन फ्री, मोबाइल टूटने पर नहीं देने पड़ेगें जेब से पैसे
यह पहला मौका है जब शनि की सतह से पृथ्वी की इतनी खूबसूरत तस्वीरें जारी की गई हैं। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इस दौरान कैसिनी टाइटन की सतह के ऊपर से 979 किलोमीटर की दूरी से गुजरा व इस दौरान उसकी गति 21 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा थी।
इस स्पेसक्राफ्ट की जानकारी देने वाली नासा की वेबसाइट ने बताया, '21 अप्रैल को टाइटन के नजदीक से गुजरने के दौरान, टाइटन का गुरूत्व कैसिनी की कक्षा को शनि के चारों ओर मोड देगा, जिससे यह मामूली तौर पर थोडा छोटा हो जाएगा जिसके कारण अंतरिक्षयान शनि के छल्लों को बाहर से पार करने के बजाय वह अंतिम छलांग लगाएगा, जिससे वह छल्लों के अंदर से गुजर जाएगा।'
यह मिशन टाइटन के उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में फैले तरल हाइड्रोकार्बन की झीलों तथा समुद्रों को बेहद नजदीक से अध्ययन करने का मौका प्रदान करेगा और यान में मौजूद शक्तिशाली रडार के इस्तेमाल का भी यह अंतिम मौका होगा, जो धुंध को चीरते हुए सतह की स्पष्ट छवियां प्रदान करेगा।
और पढ़ें: लोगों में बढ़ी इंस्टाग्राम की दीवानगी, 4 महीने में 10 करोड़ नए यूजर्स जुड़े
इस स्पेसक्राफ्ट को 1997 में अमेरिका के केप केनवेरल से लॉन्च किया गया था। यह स्पेसक्राफ्ट का फ्यूल जल्द खत्म होने वाला है और इसके मिशन को इस साल 15 सितंबर समाप्त कर दिया जाएगा। 1997 में प्रक्षेपित कैसिनी 2004 में वहां पहुंचने के बाद से ही शनि ग्रह, उसके छल्लों और उपग्रह का अध्यन कर रहा है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: क्यों खास है इस वर्ष अक्षय तृतीया? ये है बड़ा कारण
-
Amavasya Ke Totke: दुश्मनों से हैं परेशान या कोई फैला रहा है नेगेटिव एनर्जी, तो आज रात करें ये उपाय
-
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार क्या है मनुष्य का असली धर्म, यहां जानिए
-
Rajarajeshwar Temple: राजराजेश्वर मंदिर की क्या है खासियत जहां पीएम मोदी ने टेका माथा