Sawan Purnima 2025: 8 या 9 अगस्त कब है सावन पूर्णिमा, ये है पूजा, दान और व्रत की विधि

सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का संयोग इसे और भी खास बना देता है. आइए जानते हैं कि इस बार सावन पूर्णिमा कब है और इसके लिए पूजा विधि, व्रत और दान का क्या महत्व है.

सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का संयोग इसे और भी खास बना देता है. आइए जानते हैं कि इस बार सावन पूर्णिमा कब है और इसके लिए पूजा विधि, व्रत और दान का क्या महत्व है.

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Dheeraj Sharma
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When Will Sawan Purnima 2025

Sawan Purnima 2025: सावन माह की पूर्णिमा तिथि हर वर्ष धार्मिक तौर पर काफी अहम होती है. दरअसल इसी दिन रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार भी मनाया जाता है. इस बार इस दिन को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है कि सावन पूर्णिमा कब है 8 या फिर 9 अगस्त को. सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का संयोग इसे और भी खास बना देता है. आइए जानते हैं कि इस बार सावन पूर्णिमा कब है और इसके लिए पूजा विधि, व्रत और दान का क्या महत्व है. 

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कब मनाई जाएगी सावन पूर्णिमा ?

 पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी. अब नियमों के मुताबिक, व्रत तिथि के आरंभ पर यानी 8 अगस्त, शुक्रवार को रखा जाएगा, जबकि पूजन, स्नान और दान का पुण्यकाल पूर्णिमा के प्रभावी दिन यानी 9 अगस्त, शनिवार को माना जाएगा. दरअसल हिंदू धर्म में वही तिथि अहम होती है जो सूर्योदय के साथ आती है. यही कारण है कि सावन पूर्णिमा का स्नान, पूजा और पुण्य काल 9 अगस्त को है. 

क्या है सावन पूर्णिमा की व्रत और पूजा विधि

सावन पूर्णिमा का व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन व्रती शाम को चंद्रमा के दर्शन के समय लगभग 6:42 बजे भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा कर अर्घ्य अर्पित करेंगे. इसके साथ ही चंद्रदर्शन और अर्घ्य देने से मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है.  यही नहीं इस दिन एक और विधि करने से विशेष फल प्राप्त होता है. ये विधि है रूद्राभिषेक की. जी हां इस दिन रुद्राभिषेक करने वाले जातकों को विशेष फल की प्राप्ती होती है. कई लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भी इस दिन विशेष रूप से रुद्राभिषेक करते हैं. 

स्नान और दान का भी है विशेष महत्व 

वैसे तो सावन का पूरा महीना ही पावन और पवित्र माना जाता है. लेकिन अमूक तिथियां इसे और खास बना देती हैं. इन्हीं में से एक है सावन पूर्णिमा. इस दिन  दान और स्नान को विशेष पुण्यदायी बताया गया है. 9 अगस्त की सुबह 4:22 बजे से 5:04 बजे के बीच स्नान और दान करना श्रेष्ठ माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस समय किए गए कर्मों से पापों का नाश और पुण्य का संचय होता है. 

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और योग

इसी दिन रक्षाबंधन का भी विशेष संयोग है. ऐसे में इस दिन यानी 9 अगस्त को दिन में कोई भद्रा दोष नहीं रहेगा, जिससे भाई-बहन के इस पवित्र पर्व में कोई विघ्न नहीं आएगा. राखी बांधने का श्रेष्ठ समय 9 अगस्त को सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 तक रहेगा. 

बन रहे तीन विशेष योग

बता दें कि सावन पूर्णिमा पर तीन विशेष योग भी बन रहे हैं. ये तीन विशेष योग हैं-  सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग. ये तीनों ही योग किसी भी मांगलिक कार्य के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं.  बता दें कि 10 अगस्त से पंचक आरंभ हो जाएगा, जो 5 दिनों तक रहेगा और कुछ विशेष कार्यों में वर्जना लाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)  

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