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Kartik Purnima 2025
Kartik Purnima 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. इसे कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है, जो साल की सबसे पवित्र पूर्णिमाओं में से एक मानी जाती है. यह दिन न केवल भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना के लिए शुभ है, बल्कि इसी दिन देव दीपावली और गुरुनानक जयंती जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी मनाए जाते हैं.
त्रिपुरारी पूर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima 2025)
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने तीन राक्षसों त्रिपुरासुर, तारकाक्ष और विद्युन्माली का संहार किया था. ये तीनों असुर अपने-अपने त्रिपुर नामक नगरों में रहकर तीनों लोकों में आतंक मचाते थे. भगवान शिव ने त्रिपुरों का नाश करके धर्म की रक्षा की और इसीलिए यह दिन 'त्रिपुरारी पूर्णिमा' कहलाया. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से व्यक्ति को असीम शक्ति, ज्ञान और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है.
गंगा स्नान और देव दीपावली का धार्मिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का सबसे प्रमुख आध्यात्मिक पहलू है गंगा स्नान। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह में गंगा स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्वर्ग के देवता भी गंगा में स्नान करने पृथ्वी पर आते हैं.
इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. यह पर्व असुरों पर देवताओं की विजय का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि देवता इस दिन धरती पर आकर दीप जलाते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं. वाराणसी में इस अवसर पर गंगा घाटों पर हजारों दीप जलाकर भव्य उत्सव मनाया जाता है, जिसे देखने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.
गुरुनानक जयंती का पावन पर्व
कार्तिक पूर्णिमा का दिन सिख धर्म के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत पवित्र है, क्योंकि इसी दिन पहले सिख गुरु, श्री गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था.इस अवसर पर सिख समुदाय देश-विदेश के गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर और अरदास का आयोजन करता है. यह दिन 'गुरुपर्व' के नाम से भी प्रसिद्ध है और प्रेम, सेवा और एकता का संदेश देता है.
कार्तिक पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय
2025 में कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर (बुधवार) को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को रात 10 बजकर 36 मिनट से होगी जो अगले दिन 5 नवंबर, शाम 6 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी. चूंकि उदया तिथि का विशेष महत्व होता है, इसलिए 5 नवंबर को ही यह पर्व मनाया जाएगा.
गंगा स्नान और पूजा का शुभ मुहूर्त
गंगा स्नान मुहूर्त: सुबह 4:52 बजे से सुबह 5:44 बजे तक
पूजा मुहूर्त: सुबह 7:58 बजे से सुबह 9:20 बजे तक
प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त: शाम 5:15 बजे से रात 7:05 बजे तक
चंद्रोदय का समय: शाम 5:11 बजे
कार्तिक पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक शुद्धि, आस्था और भक्ति का प्रतीक है. इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, शिव पूजा और गुरु नानक देव जी की जयंती मनाने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और शांति का संचार होता है.
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