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Tulsi Pujan Diwas 2025
Tulsi Pujan Diwas 2025: सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र माना गया है. इसे माता लक्ष्मी का प्रतीक कहा जाता है. यही कारण है कि हिंदू घरों में तुलसी की पूजा रोज की जाती है. मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है. तुलसी की नियमित पूजा से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. हालांकि, तुलसी माता की पूजा करते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. खासकर तुलसी पर जल चढ़ाते समय की गई गलतियां नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं. शास्त्रों में इन नियमों का स्पष्ट उल्लेख मिलता है. इसलिए तुलसी को जल देते समय सावधानी बरतना जरूरी माना गया है.
तुलसी पर जल चढ़ाने के जरूरी नियम
एकादशी के दिन न चढ़ाएं जल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं देना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. जल चढ़ाने से माता लक्ष्मी अप्रसन्न हो सकती हैं. इससे आर्थिक परेशानियां बढ़ने की आशंका रहती है.
जल की मात्रा का रखें ध्यान
तुलसी को रोज जल देना शुभ माना गया है. लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी नहीं डालना चाहिए. अधिक जल से पौधे की जड़ें खराब हो सकती हैं. तुलसी का सूखना अशुभ संकेत माना जाता है.
बिना सिले कपड़ों में करें पूजा
पुराणों के अनुसार तुलसी माता को जल देते समय बिना सिले वस्त्र पहनना चाहिए. सिले हुए कपड़ों में पूजा करने से पूर्ण फल नहीं मिलता. इसलिए पूजा के समय इस नियम का ध्यान रखें.
सही दिशा में लगाएं तुलसी
वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। तुलसी के लिए उत्तर, पूर्व या ईशान कोण शुभ माना जाता है.
सुबह का समय है सबसे उत्तम
तुलसी में जल देने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय का होता है. सुबह जल चढ़ाने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इससे धन संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं.
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Disclaimer: ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है. यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए news nation इसकी पुष्टी नहीं करता है.
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