Sawan Somwar Chaturthi 2025: इस साल सावन के पहले सोमवार पर गजानन संकष्टी चतुर्थी भी रहेगी. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित रहेगा. जहां सावन का पहला सोमवार शिव भक्तों के लिए विशेष धार्मिक अवसर माना जाता है. पंचांग के अनुसार सावन महीने का पहला सोमवार सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ा है और इसी तिथि पर गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी है. ऐसे में भक्त पिता-पुत्र का आशीर्वाद एक साथ प्राप्त कर सकते हैं.
शुभ संयोग
आयुष्मान योग
सौभाग्य योग
धनिष्ठा योग
शिव वास योग
गजानन संकष्टी चतुर्थी का संयोग
मनोकामना होगी पूरी
वहीं इन सभी संयोग के साथ ही सोमवार पर आद्रा नक्षत्र, हर्षण योग और भाद्रा वास भी होगा. इसके साथ ही स्वाति नक्षत्र और सिद्ध योग का भी संयोग बन रहा है. धनिष्ठा नक्षत्र के समाप्त होने के बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू हो जाएगा. इन शुभ योगों में सावन के पहले सोमवार पर किए शिव पूजन का भक्तों को विशेष लाभ होगा और मनोकामना की पूर्ति होगी.
पिता-पुत्र की पूजा
इस बार सावन के इस महीने का पहला सोमवार चतुर्थी के दिन पड़ रहा है. चतुर्थी यानी कि भगवान गणेश जी का दिन. ऐसे में शिव परिवार के दो सदस्यों की भक्ति का मौका भक्तों के हाथ लगा है. पिता-पुत्र की पूजा से इस दिन आप उनसे मन मांगा वरदान प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही चार अन्य बहुत शुभ संयोग भी सोमवार के दिन बन रहे हैं.
पूजा विधि
सावन सोमवार के पहले दिन सुबह स्नान के बाद साफ कपड़े पहन लें. सबसे पहले पूजाघर में दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें. उन्हें तिलक लगाकर मोदक का भोग चढ़ाएं, दूर्वा घास अर्पित करें और व्रत कथा का पाठ करें. इसके बाद शिवलिंग पर जल अर्पित कर बेलपत्र, फूल, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएं और दीप जलाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)