Sawan 2025: सावन के महीने का रविवार को तीसरा दिन है. 11 जुलाई से शुरू हुआ सावन का महीना 9 अगस्त तक चलेगा. इस महीने को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है. इसीलिए सावन के महीने में भोलेनाथ के भक्त व्रत रखने के साथ-साथ कांवड़ यात्रा पर भी जाते हैं और शिवमंदिर या शिवालयों में पूजा-पाठ करते हैं. ऐसे में हम आपको को सावन के महीने में शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने के धार्मिक और ज्योतिषीय फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं.
जानें क्या है लौंग का धार्मिक महत्व
बता दें कि हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई प्रकार का खाद्य पदार्थ चढ़ाए जाते हैं. जो भगवान को बहुत प्रिय हैं. इसके साथ ही इनका धार्मिक और आध्यत्मिक महत्व भी होता है. इनमें से एक है लौंग. बहुत से लोग शिवलिंग पर लौंग चढ़ाते हैं. क्योंकि धार्मिक ग्रंथों में लौंग को शिव-शक्ति का प्रतीक माना गया है. लौंग को तेज गंध की वजह से ऊर्जा का वाहक माना जाता है. इससे ऊर्जा से संबंधित कई समस्याओं का समाधान भी होता है.
इसके अलावा लौंग का काला रंग इसे राहु-केतु से भी जोड़ता है. इसके निवारण के लिए भी लौंग का इस्तेमाल किया जाता है. लौंग की खुशबू से पूजा स्थल का वातावरण पवित्र होता है, साथ ही इसके आत्मिक शांति और संतुलन की भी अनुभूति प्राप्त होती है.
क्या हैं शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने के लाभ
हिन्दू धर्म मान्यताओं के मुताबिक, लौंग का इस्तेमाल पूजा-पाठ, तर्पण आदि में किया जाता है. ज्योतिषीय उपायों के साथ-साथ लौंग के कई उपाय भी हैं जो भक्तों की समस्याओं को दूर करती हैं. ऐसी मान्यता है कि लौंग का इस्तेमाल से इच्छा पूर्ति के साथ शत्रुनाश के लिए भी किया जाता है. इसके अलावा भी भगवान शिव को लौग अर्पित करने के कई मुख्य फायदे हैं.
शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से भक्तों के काम में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. इसके साथ ही शिवलिंग पर लौंग की कलियां अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. अगर किसी के घर में नकारात्मकता का वास हो जाए तो उस घर की तरक्की और खुशियां खत्म हो जाती हैं ऐसे में शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से घर की नकारात्मकता दूर होती है. यही नहीं किसी काम में तरक्की या बिजनेस में घाटे को पूरा करने के लिए भी शिवलिंग पर लौंग चढ़ाना शुभ माना गया है. शिवलिंग पर लगातार 40 दिनों तक लौंग चढ़ाने से भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं और जीवन में धन की कमी को दूर कर देते हैं.
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