Saphala Ekadashi 2025: 14 या 15 कब मनाया जाएगा सफला एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व

Saphala Ekadashi 2025:हिंदू धर्म में सफला एकदाशी का अत्यंत विशेष महत्व माना गया है. इस दिन किया गया पूजा-पाठ, उपवास और दान साधक को सफलता, सौभाग्य और मनचाहे फल प्रदान करता है. चलिए हम आपको बताते हैं इस बार सफला एकदाशी कब मनाया जाएगा.

Saphala Ekadashi 2025:हिंदू धर्म में सफला एकदाशी का अत्यंत विशेष महत्व माना गया है. इस दिन किया गया पूजा-पाठ, उपवास और दान साधक को सफलता, सौभाग्य और मनचाहे फल प्रदान करता है. चलिए हम आपको बताते हैं इस बार सफला एकदाशी कब मनाया जाएगा.

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Akansha Thakur
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Saphala Ekadashi 2025

Saphala Ekadashi 2025

Saphala Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में सफलता एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि जो लोग इस दिन श्रद्धा और नियम के साथ व्रत करते हैं उसके रूके हुए काम पूरे होने लगते हैं और जीवन में बनी रुकावटें खत्म होती हैं. साथ ही स्नान, दान और भक्ति-भाव से की गई उपासना का इस तिथि पर विशेष फल प्राप्त होता है. बता दें कि इस साल एकदाशी तिथि दो दिन होने के कारण लोग कंफ्यूज है कि किस दिन एकादशी का व्रत रखना शुभ माना जाएगा. चलिए हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं सफलता एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व के बारे में. 

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सफला एकदाशी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2025 Date) 

पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकदाशी तिथि 14 दिसंबर, रविवार के दिन शाम को 06 बजकर 50 मिनट पर आरंभ हो रही है जो 15 दिसंबर को रात 09 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदय तिथि के हिसाब से सफला एकदाशी का व्रत 15 दिसंबर यानी सोमवार को रखा जाएगा. 

सफला एकदाशी 2025 पूजा विधि 

सफला एकादशी के व्रत के लिए दो-तीन दिन पहले से तैयारी शुरू कर दी जाती है. भोजन हल्का और सात्विक रखने की सलाह दी जाती है ताकि शरीर और मन दोनों व्रत के लिए सहज हो सकें. जो लोग मांस का सेवन करते हैं उनके लिए इसे कुछ दिन पहले ही त्यागना जरूरी बताया गया है क्योंकि मान्यता है कि मांसाहार की उपस्थिति सफला एकादशी के शुभ फल को कम कर देती है. व्रत वाले दिन सुबह ब्रह्मा मुहूर्त में जागना, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना और घर के मंदिर की सफाई करना जरूरी माना गया है. सूर्यदेव को तांबे के लोटो से अर्घ्य देकर दिन की शुभ शुरुआत की जाती है क्योंकि सूर्य को अर्घ्य देने से कार्यों में सकारात्मकता प्राप्त होती है. 

सफला एकदाशी का धार्मिक महत्व 

सफला शब्द का अर्थ समृद्धि इसलिए यह एकदाशी विशेष रूप से उन लोगों के लिए सबसे लाभकारी मानी जाती है जो जीवन में प्रगति, सफलता और भरपूर सम्पन्नता पाना चाहते हैं. इसे सौभाग्य और सिद्धि प्रदान करने  वाली तिथि कहा गया है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण की भी विधिवत पूजा करने का विधान है जिससे व्रतकर्ता की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सफला एकदाशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है. 

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