Ram Mandir Flag Hosting: राम मंदिर में धूमधाम से फहराई जाएगी धर्म ध्वजा, जानें किस देवता के लिए होती है कौनसी ध्वजा?

Ram Mandir Flag Hosting: अयोध्या स्थित राम मंदिर में 25 नवंबर को ऐतिहासिक समारोह में धर्म ध्वजा फहराई जाएगी. यही वजह है कि इस वक्त ध्वजा चर्चा में बनी हुई है. आइए जानते हैं कि किस देवता को कौनसी ध्वजा फहराई जाती है.

Ram Mandir Flag Hosting: अयोध्या स्थित राम मंदिर में 25 नवंबर को ऐतिहासिक समारोह में धर्म ध्वजा फहराई जाएगी. यही वजह है कि इस वक्त ध्वजा चर्चा में बनी हुई है. आइए जानते हैं कि किस देवता को कौनसी ध्वजा फहराई जाती है.

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Dheeraj Sharma
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Dharm Dhwaja

Ram Mandir Flag Hosting: अयोध्या स्थित राम मंदिर में 25 नवंबर को ऐतिहासिक समारोह में धर्म ध्वजा फहराई जाएगी. यही वजह है कि इस वक्त ध्वजा चर्चा में बनी हुई है. भारतीय सनातन संस्कृति में ध्वज सिर्फ प्रतीक मात्र नहीं, बल्कि दैवीय उपस्थिति, परंपरा और पवित्र ऊर्जा का चिह्न माना गया है. मंदिर के शिखर पर लगा धर्म ध्वज इस बात का संकेत होता है कि वहां विशेष देवता विराजमान हैं. यदि किसी मंदिर पर नाम न लिखा हो, तब भी ध्वजा देखकर उसके देवता की पहचान की जा सकती है. ध्वज की उपस्थिति भक्त को मानसिक शांति, सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव कराती है.

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किस देवता के लिए कौन सी ध्वजा?

सनातन परंपरा में प्रत्येक देवी-देवता से संबंधित ध्वज का रंग, आकार और प्रतीक भिन्न-भिन्न होता है. इसी कारण दूर से ही किसी ध्वजा को देखकर देवालय का स्वरूप समझ आ जाता है.

भगवान गणेश - सफेद ध्वजा

गणपति की ध्वजा सफेद रंग की होती है जिसमें उनकी सवारी मूषक का चिन्ह अंकित रहता है. यह पवित्रता, सफलता और शुभारंभ का संकेत है.

भगवान शिव - वृषभ ध्वजा

भगवान शिव की ध्वजा भी सफेद होती है, जिस पर नंदी (बैल) का प्रतीक दर्शाया जाता है. यह ध्वजा त्याग, तपस्या और संतुलन की ऊर्जा प्रकट करती है.

हनुमान जी - केसरिया ध्वजा

हनुमान मंदिरों में केसरिया ध्वजा फहराई जाती है, जिसमें प्रायः गदा या श्रीहनुमान का चित्र होता है. यह वीरता, भक्ति और अडिग शक्ति का प्रतीक है.

भगवान जगन्नाथ - अर्धचंद्र ध्वजा

जगन्नाथ धाम में अर्धचंद्र ध्वजा का उपयोग होता है. यह ध्वजा परंपरा, सुरक्षा और अनंतता को दर्शाती है.

भगवान राम - सूर्यवंश का प्रतीक

भगवान राम के ध्वज में कोविदार वृक्ष, ॐ और सूर्य चिह्न होता है, जो उनकी सूर्यवंशी परंपरा और मर्यादा के आदर्श को उजागर करता है.

देवी दुर्गा - सिंह ध्वजा

दुर्गा माता की ध्वजा लाल होती है जिसमें सिंह का प्रतीक अंकित होता है. यह ऊर्जा, पराक्रम और रक्षा शक्ति का प्रतिबिंब है।

भगवान विष्णु - गरुड़ ध्वजा

विष्णु भगवान की ध्वजा पीले रंग की होती है और इस पर गरुड़ का चिन्ह रहता है. यह धर्म पालन, संरक्षण और समृद्धि का प्रतीक है. 

ब्रह्मा जी - हंस ध्वजा

ब्रह्मदेव की ध्वजा पर हंस का चिह्न बनता है, जो ज्ञान, विवेक और सृजन शक्ति को दर्शाता है.

भगवान कार्तिकेय - मयूर ध्वजा

कार्तिकेय की ध्वजा में मोर का प्रतीक होता है, जो सौंदर्य, सैन्य शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है.

राम मंदिर में ध्वज का महापूजन

राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाले भव्य ध्वज का वैदिक विधान के अनुसार महापूजन सम्पन्न हुआ. ध्वजारोहण से पहले इसे यज्ञ वेदी पर स्थापित कर आचार्यों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजित किया. विष्णु सहस्रनाम और गणेश अथर्वशीर्ष के मंत्रों के साथ हवन की आहुतियां दी गईं.

यज्ञकुंड से उठती अग्निशिखाएं मानो लोककल्याण का संदेश दे रही थीं. अयोध्या की पावन धरती मंत्रों की ध्वनि से ऐसा प्रतीत हुई कि स्वयम् भगवान राम और विष्णु के चरणों में नत हो रही हो. धर्म ध्वजा केवल एक पहचान नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की आत्मा और दैवीय ऊर्जा का अक्षय प्रतीक है, जो भक्तों को आस्थापूर्ण यात्रा का मार्ग दिखाती है.

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