हिंदुस्तान के खिलाफ जंग की तैयारी, गज़वा ए हिन्द के सहारे रची जा रही साजिश
पाकिस्तान में जैन और फैजन से ताहिर की बात होती थी, उन्होंने कहा कि जिहाद की तैयारी करो.
highlights
- गज़वा ए हिन्द 181 सदस्य वाले ग्रुप में ये मेम्बर था
- मारखोर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था
- पाकिस्तानी के साथ ताहिर यानी दस लोगों का ग्रुप बताया जा रहा
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पटना के फुलवारी शरीफ से आतंक के ऐसे कनेक्शन मिल रहे हैं कि अब तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. एनआईए को मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है. आखिर ऐसा क्या है कि देश भर की सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर फुलवारी शरीफ है. आज न्यूज़ नेशन के पास गज़वा ए हिन्द के खतरनाक मंसूबे का मास्टर प्लान मौजूद है. देखिए ये एक्सक्लूसिव गजवा ए हिन्द पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन.
दुनिया में फिर खिलाफत होगा, गज़वा आज या कल होगा. पाकिस्तान के हाथ होगी मुसलमानों की अगुवाई. कुछ इस अंदाज में जिहाद की हो रही थी तैयारी. न्यूज़ नेशन के पास ताहिर उर्फ दानिश के व्हाट्सएप चैट मौजूद और इसके जरिये हो रही हर जानकारी जिसमें थी तबाही की पूरी प्लानिंग. शुरू में गज़वा ए हिन्द के नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप का खुलासा हुआ था जिसमे 181 सदस्य थे मगर अब तीन औऱ व्हाट्सएप ग्रुप जो इससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक है. आइए आपको पहले एक एक कर चार ग्रुप की पूरी कहानी बताते हैं. अब आपको बताते हैं ये चार ग्रुप में है क्या और ताहिर की भूमिका जो 4 ग्रुप मिले उनमें ताहिर था. गज़वा ए हिन्द 181 सदस्य वाले ग्रुप में ये मेम्बर था. अल फलाही ग्रुप में ताहिर मेम्बर था. मारखोर ग्रुप में ताहिर मेम्बर था. गजवा ए हिन्द के 10 लोगों का ग्रुप जिसमें 8 बंगलादेशी और एक पाकिस्तानी था, इसका ताहिर एडमिन था, इसने ग्रुप बनाया.
इसमें 181 सदस्य इस ग्रुप का मकसद अपना दायरा बढ़ाने का और खास लोगों को जोड़ उनके जरिये बड़े जमात को हिस्सा बनाना. ताहिर को पुलिस ने जिस दिन गिरफ्तार किया उस दिन भी वह सोशल मीडिया के इसी ग्रुप में सक्रिय था. जांच में यह बात आई है कि जून और जुलाई महीने में ताहिर ने अट्ठारह पाकिस्तानी नंबर और तीन भारतीय नंबरों को गजवा ए हिंद ग्रुप से जोड़ा गया था. इन नंबरों की जानकारी पुलिस ने एटीएस के साथ-साथ अन्य सेंट्रल एजेंसी को भी दी है.
मारखोर ग्रुप में जेहाद की तैयारी की बात
पाकिस्तान में जैन और फैजन से ताहिर की बात होती थी, उन्होंने कहा कि जिहाद की तैयारी करो. अपने जैसे लोगों को तैयार करो फैजान करांची में रहता है और तहरीक ए लब्रेक का मेम्बर है. खबर है कि ताहिर को भी इस ग्रुप से जोड़ लिया था.मारखोर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था,मारखोर पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु, मारखोर में वही नम्बर जो पाकिस्तान के इंटरनेशनल स्पाई एजेंसी ISIके लोगों के नम्बर थे.इन नम्बर को कवर देने के लिए मारखोर ग्रुप बनाया गया. दानिश के मारखोर ग्रुप में जेहाद की तैयारी की बात, दो मॉडल, पहला तो ग्रुप में लोगों को ideologyसे जोड़िये या फिर lone wolf के तरह काम करिए यानी sacrifice,अकेले हमला कीजिये. इस व्हाट्सएप ग्रुप में पाकिस्तान नंबर से चैट में मरगूब ने कहा मैं 5 साल से आईएसआई में हूं . 22 जून को एक पाकिस्तानी नंबर से उसका व्हाट्सएप चैट भी हुआ है. इसमें वह लिखता है, मैं आईएसआई से हूं, 5 साल से काम कर रहा हूं, इंडिया में गजवा ए हिंद को प्रमोट कर रहा हूं.
अल फलाही एक व्हाट्सएप ग्रुप ,खासकर उनलोगों के लिए जो मदरसा में है ,इंडो नेपाल पर जितने मदरसा हैं वे इनके मेम्बर हैं. trans border activities के लिए ये ग्रुप काम करता था. आजमगढ़ इस ग्रुप का हेड ऑफिस,वहां एक बड़े मदरसा से इसका संचालन अल फताही कवर ऑपरेशन करते रहे. इस ग्रुप में 8 बंगलादेशी और एक पाकिस्तानी के साथ ताहिर यानी दस लोगों का ग्रुप बताया जा रहा कि इसके जरिये फंड इकट्ठा होता था और ये भी खबर की फंड क्रिप्टो करेंसी के रूप में आते थे.
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2024 में होगा खिलाफ
पुलिस को भी अब एहसास हो रहा है कि गज़वा ए हिन्द के सहारे किस तरह की साज़िश रची जा रही थी. दानिश पूरी तरह रेडिक्लाइज़ था और लोगों को जोड़कर व्व इसी रास्ते पर ले जा रहा था. ताहिर ग्रुप बनाता था और lone wolf की तैयारी भी करता था. ताहिर लोगों को कनेक्ट करता था. सोशल मीडिया ग्रुप से ये बताता था कि गज़वा होगा आज हो या कल होगा. इसमे हर मुसलमान लड़ेंगे, इस गज़वा ए हिन्द का लीडर पाकिस्तान होगा. दुनिया के सारे मुसलमान पाकिस्तान के लीडरशिप में होगा. हिन्द के वजीर को बांधकर सीरिया ले जाया जाएगा. इनके हिसाब से जिहाद 2023 में होगा. 1 मार्च 1924 को टर्की से खिलाफत पूरी दुनिया से खत्म हो गयी प्रथम विश्व युद्ध के ट्रीटी के बाद फिर 2024 में खिलाफत होगा और पूरी दुनिया में मुसलमानों का शासन होगा.
हमारे इन बातों पर मुहर इसलिए लगी क्योंकि पुलिस ने ये कबूला की ताहिर पूरी तरह रेडिक्लाइज़ था और लोगों को जोड़ने की मुहिम में लगा था.एक बात तो तय है कि व्हाट्सएप के सहारे ही इन लोगों ने हिंदुस्तान पर कब्जे की नापाक साज़िश रची थी और समय रहते हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने इनके मंसूबों को नाकामयाब किया है मगर ये मामला बहुत जटिल है और इसमें अब भी कई उलझने हैं.
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