पारस भाई बोले- दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से होती है धन की वर्षा
सनातन धर्म में दीपावली के त्योहार का खास महत्व है. दीपावली आने से पहले घरों में तैयारी शुरू हो जाती है. पारस भाई जी ने कहा कि देश में कोरोना काल अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में देशवासियों को त्योहारों पर खास सावधानी से बरतनी की जरूरत है.
नई दिल्ली:
सनातन धर्म में दीपावली के त्योहार का खास महत्व है. दीपावली आने से पहले घरों में तैयारी शुरू हो जाती है. पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया पारस भाई जी (Paras Bhai Ji) ने कहा कि देश में कोरोना काल अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में देशवासियों को त्योहारों पर खास सावधानी से बरतनी की जरूरत है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. इस दिन घरों को सजाया जाता है और चारों तरफ दीपक जलाए जाते हैं.
गुरुदेव पारस भाई ने दीपावली को लेकर कहा कि माता लक्ष्मी जी को यह दिन समर्पित है. अगर जीवन में आर्थिक परेशानी है तो दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना जरूर करें. माता लक्ष्मी को वैभव की देवी माना जाता है. लक्ष्मी माता की कृपा से इंसान के जीवन में संपन्नता आती है और कष्टों से मुक्ति भी मिलती है. दीपावली की रात को शुभ मुहूर्त में पूजा करने से लक्ष्मी माता काफी प्रसन्न होती हैं.
पारस भाई जी ने अपने भक्तों को संदेश देते हुए कहा कि दिवाली के दिन घर की महिलाओं का आदर करना चाहिए, क्योंकि वह भी गृहलक्ष्मी ही होती हैं. इस आदत को सिर्फ दिवाली पर ही नहीं बल्कि हर दिन अपनाएं. साथ ही बड़े बुजुर्गों का भी आदर-सम्मान करें. इस दिन घर में प्रेम का माहौल बनाए रखें, क्योंकि कलहयुक्त परिवार में लक्ष्मी माता कभी भी नहीं आती हैं.
पारस भाई की जुबानी जानें कब है दिवाली?
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस साल कार्तिक अमावस्या 4 नवंबर 2021 यानी गुरुवार को है.
शुभ मुहूर्त
दीपावली का पर्व : 4 नवंबर, 2021, गुरुवार अमावस्या तिथि का शुभारंभ : 4 नवंबर 2021 को प्रात: 06:03 बजे से अमावस्या तिथि का समापन : 5 नवंबर 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
4 नवंबर, गुरुवार, शाम 6.09 बजे से लेकर रात्रि 8.20 बजे तक पूजन की अवधि : 1 घंटे 55 मिनट तक प्रदोष काल : 17:34:09 से लेकर 20:10:27 तक वृषभ काल : 18:10:2 से लेकर 20:06:20 तक.
पारस भाई जी ने अपने भक्तों को संदेश देते हुए कहा कि दिवाली के दिन घर की महिलाओं का आदर करना चाहिए, क्योंकि वह भी गृहलक्ष्मी ही होती हैं. इस आदत को सिर्फ दिवाली पर ही नहीं बल्कि हर दिन अपनाएं. साथ ही बड़े बुजुर्गों का भी आदर-सम्मान करें. इस दिन घर में प्रेम का माहौल बनाए रखें, क्योंकि कलहयुक्त परिवार में लक्ष्मी माता कभी भी नहीं आती हैं.
पारस भाई की जुबानी जानें कब है दिवाली?
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस साल कार्तिक अमावस्या 4 नवंबर 2021 यानी गुरुवार को है.
शुभ मुहूर्त
दीपावली का पर्व : 4 नवंबर, 2021, गुरुवार अमावस्या तिथि का शुभारंभ : 4 नवंबर 2021 को प्रात: 06:03 बजे से अमावस्या तिथि का समापन : 5 नवंबर 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
4 नवंबर, गुरुवार, शाम 6.09 बजे से लेकर रात्रि 8.20 बजे तक पूजन की अवधि : 1 घंटे 55 मिनट तक प्रदोष काल : 17:34:09 से लेकर 20:10:27 तक वृषभ काल : 18:10:2 से लेकर 20:06:20 तक.
HIGHLIGHTS
- सनातन धर्म में दीपावली के त्योहार का खास महत्व
- आर्थिक परेशानी है तो दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा जरूर करें
- त्योहारों पर खास सावधानी से बरतनी की सलाह दी
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