Kinnar Akhara: महाकुंभ 2025 में आए किन्नर अखाड़े का क्या है इतिहास

Kinnar Akhara: महाकुंभ में शामिल होने के लिए सभी अखाड़ों का प्रयागराज में जमावड़ा लग रहा है. किन्नर अखाड़ा भी महाकुंभ 2025 में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. लेकिन, क्या आप इस अखाड़े का इतिहास जानते हैं.

Kinnar Akhara: महाकुंभ में शामिल होने के लिए सभी अखाड़ों का प्रयागराज में जमावड़ा लग रहा है. किन्नर अखाड़ा भी महाकुंभ 2025 में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. लेकिन, क्या आप इस अखाड़े का इतिहास जानते हैं.

author-image
Inna Khosla
New Update
 history of Kinnar Akhara

history of Kinnar Akhara Photograph: (News Nation)

Kinnar Akhara: भारत में किन्नर समुदाय को एक विशेष स्थान प्राप्त है, और इन्हें प्राचीन भारतीय संस्कृति में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक अलग दर्जा दिया गया है. हिंदू धर्म में किन्नरों को भगवान शिव के उपासक और विशेष रूप से हिजड़ा समुदाय को शुभकामनाएं देने वाले और आशीर्वाद देने वाले के रूप में देखा जाता है. किन्नरों को समाज में अजीब नजरों से देखा जाता है, लेकिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से इनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है. किन्नर अखाड़ा (Kinnar Akhara) भारत में कई कुम्भ मेला आयोजनों का हिस्सा रहा है. इसकी एक अलग पहचान भी है. किन्नर अखाड़े का इतिहास और इसकी स्थापना का संबंध भारत में किन्नर समुदाय की धार्मिक भूमिका और समाज में उनकी जगह से जुड़ा हुआ है.

Advertisment

किन्नर अखाड़े की स्थापना

किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhara) की स्थापना के बारे में माना जाता है कि किन्नर समुदाय ने कुम्भ मेला और अन्य धार्मिक आयोजनों में अपने स्थान की रक्षा के लिए अखाड़े की स्थापना की थी. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि किन्नर अखाड़ा कुम्भ मेला में शामिल होने के अधिकार के लिए स्थापित हुआ था, ताकि किन्नर समुदाय को भी धार्मिक रूप से सम्मानित किया जा सके. ये अखाड़ा हिंदू धर्म (hindu dharm) की तात्त्विक और सांस्कृतिक धारा का हिस्सा बनकर उभरा.

किन्नर अखाड़े का कुम्भ मेला में योगदान

कुम्भ मेला में किन्नर अखाड़ा का महत्वपूर्ण स्थान है. किन्नर समुदाय के सदस्य कुम्भ मेला में बड़ी संख्या में शामिल होते हैं और अपने विशेष अनुष्ठान, पूजा विधियों, और संस्कारों का पालन करते हैं. किन्नर अखाड़े के सदस्य हर साल कुम्भ मेला में बड़ी धूमधाम से स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. किन्नर अखाड़ा (Kinnar Akhara) न केवल धार्मिक आयोजनों का हिस्सा है, बल्कि यह किन्नर समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनकी समाज में सम्मान की लड़ाई का भी प्रतीक है. यह अखाड़ा किन्नर समुदाय के लिए एक स्थान है जहां वे अपनी पहचान और अपने अधिकारों की बात कर सकते हैं. आज के समय में किन्नर अखाड़ा कुम्भ मेला के अलावा अन्य प्रमुख धार्मिक आयोजनों में भी भाग लेता है.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Maha Kumbh 2025 kinnar akhada Mahakumbh 2025 Kinnar Akhara Mahakumbh 2025 News in Hindi
      
Advertisment