Vasant Panchami 2025: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है. सनातन संस्कृति में ये विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में प्रसिद्ध है. इस दिन श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे उन्हें ज्ञान, कला और संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में इस समय महाकुंभ की धूम मची हुई है. देश-दुनिया से करोड़ों लोग प्रयागराज आ रहे हैं.
महाकुंभ 2025 का चौथा अमृत स्नान (शाही स्नान) वसंत पंचमी के दिन किया जाएगा. हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है. ये दिन बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है जब प्रकृति नए रंगों से सज जाती है. इस दिन को ज्ञान की देवी सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि सरस्वती माता की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और कला की प्राप्ति होती है. इस दिन लोग नए काम शुरू करते हैं और नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ते हैं. महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के दौरान इस तिथि का महत्व और भी बढ़ जाता है. चौथा शाही स्नान भी इसी दिन किया जाएगा.
महाकुंभ 2025 का चौथा अमृत स्नान
महाकुंभ 2025 में चौथा अमृत स्नान 3 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी (Vasant Panchami) के दिन आयोजित किया जाएगा. इसके बाद अगला अमृत स्नान 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा तिथि के दिन होगा और महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा. इन तिथियों पर संगम में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, और श्रद्धालु बड़ी संख्या में इन अवसरों पर स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं.
महाकुंभ के दौरान वसंत पंचमी के दिन शाही स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मां सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस मौके पर स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं जिससे महाकुंभ का ये दिन और भी महत्वपूर्ण बन जाता है. मकर संक्रांति की तरह इस बार बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) के दिन भी प्रयागराज में करोड़ों लोगों के आने की उम्मीद की जा रही है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)