Mahakumbh 2025: महाकुंभ के साथ प्रयागराज के 10 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी जरूर घूमें

Mahakumbh 2025: अगर आप भी प्रयागराज महाकुंभ के लिए जा रहे हैं तो जान लें कि संगम में डुबकी लगाने के बाद आप यहां कहां-कहां घूम सकते हैं.

Mahakumbh 2025: अगर आप भी प्रयागराज महाकुंभ के लिए जा रहे हैं तो जान लें कि संगम में डुबकी लगाने के बाद आप यहां कहां-कहां घूम सकते हैं.

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Inna Khosla
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Mahakumbh 2025 Photograph: (News Nation)

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में आस्था और अध्यात्म के साथ-साथ इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का आनंद लिया जा सकता है. महाकुंभ में पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद पर्यटक प्रयागराज और इसके आसपास कई अद्भुत स्थलों का आनंद ले सकते हैं. प्रयागराज अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, और धार्मिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है. संगम पर स्नान के बाद, आप नाव से गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल तक जा सकते हैं. यह अनुभव धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से अद्वितीय है.

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नैनी ब्रिज और गंगा आरती

नैनी ब्रिज प्रयागराज का एक ऐतिहासिक पुल है जो गंगा नदी पर बना हुआ है. नैनी ब्रिज से गंगा का अद्भुत नजारा और शाम को संगम पर होने वाली गंगा आरती एक अविस्मरणीय अनुभव है. इसका निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में हुआ था और यह उस समय की इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है.

इलाहाबाद किला

मुगल सम्राट अकबर द्वारा निर्मित यह किला संगम के पास स्थित है. यहां आप पतालपुरी मंदिर, अक्षयवट (अमर वृक्ष), और ऐतिहासिक संग्रहालय देख सकते हैं.

हनुमान मंदिर

संगम के पास स्थित यह मंदिर लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है. महाकुंभ के दौरान यहां दर्शन का महत्व और भी बढ़ जाता है.

आनंद भवन और स्वराज भवन

नेहरू परिवार का यह ऐतिहासिक आवास अब एक संग्रहालय है. स्वराज भवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण स्थल है.

खुसरो बाग

ये ऐतिहासिक बाग मुगल वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है. इसमें खूबसूरत बगीचे और प्राचीन मकबरे हैं, जो कला और इतिहास प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल हैं.

त्रिवेणी मार्ग और स्थानीय बाज़ार

संगम के पास स्थित त्रिवेणी मार्ग और सिविल लाइन्स बाजार में आप स्थानीय हस्तशिल्प, पारंपरिक कपड़े, और धार्मिक स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं.

अल्फ्रेड पार्क (चंद्रशेखर आजाद पार्क)

प्रयागराज में यहां भी बड़ी संख्या में लोग जाते हैं. भारतीय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद के बलिदान का साक्षी है. यहां आजाद की प्रतिमा और शांति का माहौल है.

भारद्वाज आश्रम

ये प्राचीन आश्रम महर्षि भारद्वाज का निवास स्थान माना जाता है. धार्मिक और आध्यात्मिक शांति की तलाश में यहां लोग आते हैं.

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सैम सेमेस्ट्री और चर्च

प्रयागराज के सेंट जोसेफ कैथेड्रल और ऑल सेंट्स कैथेड्रल जैसी चर्चें अपनी खूबसूरत वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध हैं.

चित्रकूट और विंध्याचल (पास के पर्यटन स्थल)

प्रयागराज से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित ये स्थल धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं. चित्रकूट और विंध्याचल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित दो प्रमुख तीर्थस्थल हैं. ये दोनों ही स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं. इन स्थानों का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है और इनका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.

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