Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या कब है? राशि अनुसार करें ये दान, पलक झपकते ही बदल जाएगी किस्मत!

Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन देशभर की सभी पवित्र नदियों में डुबकी लगाने लोग दूर-दूर से पहुंचेंगे. इस दिन कुछ विशेष दान करने का हिंदू धर्म में महत्व बताया गया है.

Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन देशभर की सभी पवित्र नदियों में डुबकी लगाने लोग दूर-दूर से पहुंचेंगे. इस दिन कुछ विशेष दान करने का हिंदू धर्म में महत्व बताया गया है.

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Inna Khosla
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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या 2025 का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है. पवित्र नदी में स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:18 बजे तक रहेगा. इस दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है. प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन किया गया है. मकर संक्रांति पर संगम में स्नान करने जितने लोग आए थे इस बार उससे भी ज्यादा लोगों के मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन आने का अनुमान है. महाकुंभ की अमृत स्नान तिथियों में मौनी अमावस्या की तिथि सबसे खास होती है. अपनी राशि के अनुसार किन वस्तुओं का दान आपके लिए शुभ माना जाएगा आइए जानते हैं.

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मौनी अमावस्या के दिन राशि अनुसार करें दान

मेष और वृश्चिक राशि लाल मसूर की दाल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, सिंदूर, तांबा, मूंगा, लाल वस्त्र.

वृष और तुला राशि सफेद वस्त्र, कपूर, खुशबूदार अगरबत्ती, धूप, इत्र, दही, चावल, चीनी, दूध, चांदी.

मिथुन और कन्या राशि हरी सब्जी, हरा फल, हरा वस्त्र, कांसे का बर्तन, पन्ना या उसका उपरत्न ओनेक्स, हरी दाल.

कर्क राशि दूध, दही, चावल, सफेद वस्त्र, चीनी, चांदी, मोती, शंख, कपूर, बड़ा बताशा.

सिंह राशि गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चंदन, माणिक्य, शहद, केसर, सोना, तांबा, शुद्ध घी, कुमकुम.

धनु और मीन राशि पीला वस्त्र, हल्दी, पीला अनाज, केला, चने की दाल, पुखराज या उसका उपरत्न सुनहला अथवा पीला हकीक, देशी घी, सोना, केसर, धार्मिक पुस्तक, पीला फूल, शहद.

मकर और कुंभ राशि काले तिल, काला वस्त्र, लोहा, काली उड़द दाल, काले फूल, सुरमा (काजल), चमड़े की चप्पल, कोयला, काली मिर्च, नीलम अथवा उसका उपरत्न जमुनिया, काले चने, काली सरसों, तेल.

मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) के दिन मौन व्रत धारण करना, पवित्र नदियों में स्नान करना, और दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है. ये दिन आत्मशुद्धि और पितरों की शांति के लिए महत्वपूर्ण है. इस बार महाकुंभ के दिन इस तिथि का विशेष महत्व होगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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