Mahakumbh 2025 Shubh Yog: भारत में महाकुंभ के लि महीनों से खास तैयारियां चल रही हैं. साधु-संतों ने पहले से ही प्रयागराज में ढेरा जमा लिया है. सनातन धर्म का पालन करने वाले लगभग सभी अखाड़े यहां पहुंच चुके हैं. सीएम योगी के नेतृत्व में इस बार खास तैयारियां की गयी हैं. महाकुंभ 2025 जैसे अद्भुत और पवित्र आयोजन के दौरान रवि योग और भद्रावास योग का निर्माण होगा, इसे एक अत्यंत शुभ और धार्मिक दृष्टि से फलदायी समय माना जाएगा.
रवि योग का महत्व
रवि योग को हिंदू ज्योतिष में बहुत शुभ योग माना जाता है. किसी भी बाधा या अशुभ प्रभाव को समाप्त करने वाले इस योग में किए गए धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, और जप-तप अत्यधिक फलदायी होते हैं. महाकुंभ जैसे आयोजन में यह योग किसी भी कार्य को सफल और प्रभावशाली बनाने के लिए आदर्श समय है.
शुभ मुहूर्त: 13 जनवरी 2025 को योग की शुरुआत सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर होगी और ये सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इस दौरान किया गया स्नान, दान, और पूजा विशेष फल प्रदान करेगा.
भद्रावास योग का महत्व
भद्रावास योग में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है. इस योग में किया गया विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, विष्णु के 108 नामों का जाप, या विष्णु मंत्रों का उच्चारण जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि, और शांति लाता है. पौष पूर्णिमा पर बन रहे भद्रावास योग में सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल, तुलसी पत्र, और पीले मिष्ठान्न का भोग लगाएं. विष्णु सहस्त्रनाम या ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. अंत में विष्णु जी की आरती करें और परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें.
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रवि योग और भद्रावास योग का संयोग क्यों है विशेष?
इन दोनों योगों के मिलन का समय दुर्लभ होता है. ये योग न केवल व्यक्तिगत भलाई के लिए बल्कि सामूहिक प्रार्थना और धार्मिक आयोजनों को भी अत्यंत शुभ बनाता है. महाकुंभ मेले के दौरान इन योगों में किया गया स्नान और दान कई गुना अधिक पुण्य प्रदान करता है. हो सके तो आप भी इस योग में प्रयागराज के संगम पर स्नान करें और गरीबों को दान करें. तुलसी के पौधे का पूजन और उनकी जड़ों में जल अर्पित करना भी विशेष फलदायी होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)