Mahakumbh 2025 Religious Tourism: अगले साल 13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहा महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि भारत की समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिकता की मिसाल बनने वाला है. ये धर्म और पर्यटन का संगम होगा. मेले के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान, गंगा आरती और मंदिर दर्शन लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं. साथ ही, योग और ध्यान शिविर विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराएंगे. महाकुंभ में भारतीय परंपराओं, लोक कलाओं और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी भव्य प्रदर्शन होगा. हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा.
यूपी पर्यटन में नई ऊंचाइयां
उत्तर प्रदेश पर्यटन के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. साल 2023 में 480 मिलियन पर्यटकों ने यूपी (Mahakumbh 2025 Religious Tourism) का दौरा किया, जो पिछले साल के मुकाबले 50% की बढ़ोतरी है. आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2028 तक यूपी में हर साल 850 मिलियन पर्यटक आएंगे.
महाकुंभ 2025 इस वृद्धि को और गति देगा. प्रयागराज में होने वाला यह महाकुंभ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का एक सुनहरा अवसर है. यूपी में प्रयागराज के अलावा वाराणसी, आयोध्या, विध्याचल, वृंदावन और मथुरा जैसे कई प्रमुख धार्मिक स्थल हैं. महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु इन सभी स्थानों की यात्रा कर सकेंगे.
यूपी सरकार पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है. इसमें वाराणसी से जलयान मार्ग से प्रयागराज तक जाने की सुविधा और विशेष धार्मिक कॉरिडोर (Mahakumbh 2025 Religious Tourism) का विकास शामिल है. रेलवे ने भी पर्यटकों की सुविधा के लिए वाराणसी से प्रयागराज के बीच 334 अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का फैसला किया है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)