Mahakumbh 2025 Stampede: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान पर हुई भगदड़ के बाद संतों ने बड़ा निर्णय लिया है. इस अप्रिय घटना के मद्देनजर अखाड़ों के संतों ने ऐलान किया है कि वे इस बार पारंपरिक शोभा यात्रा नहीं निकालेंगे. इसके बजाय वे बिना किसी लाव-लश्कर के संगम में अमृत स्नान करेंगे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मौनी अमावस्या स्नान के दौरान अनुशासनहीन भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बनी. ऐसे में सुरक्षा कारणों को देखते हुए अखाड़ों की पारंपरिक शोभायात्रा को रद्द किया गया है. उन्होंने कहा कि अब संत और नागा संन्यासी सीधे संगम तट पहुंचकर स्नान करेंगे और कोई बड़ी यात्रा नहीं निकाली जाएगी.
प्रयागराज में सुरक्षा बढ़ाई गई
भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हो गया है. संगम क्षेत्र और प्रमुख स्नान घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. संत समाज ने प्रशासन से अपील की है कि स्नान के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं.
महाकुंभ में क्या है अखाड़ों का महत्व?
महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़ों की शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र होती है. लेकिन इस बार संतों ने भगदड़ से बचने के लिए इसे स्थगित करने का फैसला किया है. ये निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है. अब सभी संत और अखाड़े निर्धारित समय पर संगम पहुंचकर स्नान करेंगे. प्रशासन भी इस फैसले का सम्मान करते हुए सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध कर रहा है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे शांतिपूर्वक स्नान करें और भगदड़ जैसी स्थिति न बनने दें.
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