Mahakumbh 2025 Amrit Snan: महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या का अमृत स्नान विशेष धार्मिक महत्व रखता है. हिंदू पंचांग के अनुसार तीसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा. सनातन धर्म में मौनी अमावस्या को विशेष पुण्यदायी माना गया है. इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं. चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में रहेंगे, साथ ही गुरु वृषभ राशि में स्थित होंगे. ये योग मौनी अमावस्या पर होने से इस शाही स्नान का महत्व और बढ़ जाता है. ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितर धरती लोक पर आते हैं. इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. आध्यात्मिक शुद्धि और पापों का प्रायश्चित के लिए भी लोग इस दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाकर स्नान करते हैं.
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 5:25 बजे से 6:19 बजे तक रहेगा, जो स्नान और दान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या एक ऐसी पुण्य तिथि होती है जब सूर्यास्त से पहले कभी भी स्नान या दान किया जा सकता है.
महाकुंभ में अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान विशेष तिथियों में किए जाते हैं, जो ग्रहों की चाल और विशेष स्थिति के आधार पर तय होती हैं. महाकुंभ में स्नान करने से न सिर्फ इस जन्म के बल्कि पिछले जन्मों के पाप भी समाप्त हो जाते हैं और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)