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Khatu Shyam Birthday 2025
KhatuShyam Birthday 2025:आज यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष देवउठनी एकादशी तिथि को खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है. बाबा श्याम के जन्मिदन पर उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. कहा जाता है कि श्रद्धा भाव से खाटू श्याम की पूजा करने से बाबा श्याम का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसे में चलिए हम आपको इस आर्टिकल में बाबा श्याम की पूजा विधि, मंत्र और आरती के बारे में विस्तार से बताते हैं.
खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनीएकदाशी के दिन ही खाटू श्याम बाबा का जन्म हुआ था. और आज यानी 1 नवंबर 2025 को देवउठनीएकदाशी के मौके पर खाटू श्याम का जन्मदिन है. इसलिए इस दिन को भक्त खाटू श्याम जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं.
खाटू श्याम पूजा शुभ मुहूर्त
खाटू श्याम पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा. ये मुहूर्त 11 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 11 बजे से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त दोपहर में 03 बजकर 54 मिनट से 04 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. सायाह्नसन्ध्या मुहूर्त दोपहल 03 बजकर 54 मिनट से शाम 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.
घर पर कैसे करें खाटू श्याम की पूजा?
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले या लाल वस्त्र पहनें. पूजा स्थल को साफ करें और वहां गंगाजल का छिड़काव करें. अब चौकी पर लाल या पीले कपड़े बिछाकर बाबा श्याम जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. बाबा को फूल, माला और भोग अर्पित करें. पूजा स्थल के सामने रंगोली बनाना शुभ माना जाता है. इसके बाद घी का दीपक जलाएं और 'ॐ श्री श्याम देवायनमः' या 'जय श्री श्याम' मंत्र का अपनी इच्छा अनुसाप 11, 21 या 108 बार जाप करें. अब बाबा को उनका प्रिय भोग खीर, मिश्री, चूरमा या पेड़े लगाएं. पूजा के अंत में कपूर या घी का दीपक जलाकर आरती करें, घंटी बजाएं और बाबा के जन्मदिन के भजन गाएं.
खाटू श्याम जी की आरती
ऊँ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे,
ऊँ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे
रतन जड़ित सिंहासन
सिर पर चंवर ढुरे
तन केसरिया बागो
कुण्डल श्रवण पड़े,
ऊँ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे
गल पुष्पों की माला,
सिर पर मुकुट धरे,
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले,
ऊँ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे,
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे
ऊँ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे
बाबा जय श्री श्याम हरे
झांझ कटोरा और घडियावल
शंख मृदंग घुरे
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे
ऊँ जय श्री श्याम हरे,
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