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Einstein Theory
Einstein Theory: अब तक हमें यही सिखाया गया है कि ब्रह्मांड हर दिशा में एक जैसा है. यानी जहां देखो, वहां सब कुछ समान दिखाई देता है. लेकिन अब वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी ने इस सोच को चिंता में डाल दिया है. रिसर्च का दावा है कि ब्रह्मांड पूरी तरह संतुलित नहीं है. बल्कि वह एक तरफ झुका हुआ या लॉपसाइडेड हो सकता है. यह खोज मौजूदा वैज्ञानिक ढांचे और आइंस्टीन की थ्योरी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या ब्रह्मांड गोल है? चलिए नई रिसर्च में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
स्टडि में क्या हुआ खुलासा?
स्टडी में सामने आया है कि आधुनिक खगोल विज्ञान जिस आधार पर टिका है, उसे स्टैंडर्ड कॉस्मोलॉजिकल मॉडल कहा जाता है. इसे Lambda-CDM मॉडल भी कहते हैं. इस मॉडल के अनुसार ब्रह्मांड हर दिशा में एक जैसा है. वह समान रूप से फैला हुआ है कहीं कोई खास झुकाव नहीं है. इसी सोच के आधार पर ब्रह्मांड की उम्र, आकार और विस्तार की गणना की जाती है. लेकिन नई स्टडी कहती है कि यह धारणा पूरी तरह सही नहीं हो सकती.
क्या है ‘कॉस्मिक डायपोल एनोमली’?
वैज्ञानिकों को हालिया डेटा में एक अजीब पैटर्न मिला है. इस पैटर्न को कॉस्मिक डायपोल एनोमली नाम दिया गया है. इसका मतलब है ब्रह्मांड की एक दिशा दूसरी दिशा से अलग व्यवहार कर रही है. यानी हर तरफ समानता नहीं है. यह गड़बड़ी छोटी दिखती है, लेकिन पूरे ब्रह्मांड के स्तर पर यह बहुत बड़ी बात है. ब्रह्मांड का एक हिस्सा ज्यादा गर्म, दूसरा ठंडा क्यों? इस सवाल का जवाब कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) में छिपा है.
CMB वह ऊर्जा है जो बिग बैंग के बाद बची थी. इसे ब्रह्मांड की सबसे पुरानी रोशनी माना जाता है. अब तक वैज्ञानिक मानते थे कि यह रोशनी हर दिशा में लगभग समान है. लेकिन नई स्टडी बताती है कि आकाश का एक हिस्सा थोड़ा ज्यादा गर्म है ठीक उसका उल्टा हिस्सा थोड़ा ठंडा है यह फर्क भले ही बहुत छोटा हो, लेकिन यह संकेत देता है कि ब्रह्मांड का ढांचा असंतुलित है.
क्या अब और बड़ी परेशानी?
इससे पहले वैज्ञानिक हबल टेंशन को लेकर उलझन में थे. इसमें ब्रह्मांड के फैलने की रफ्तार को लेकर अलग-अलग आंकड़े मिले थे. लेकिन कॉस्मिक डायपोल एनोमली उससे भी गंभीर मानी जा रही है. क्योंकि यह सिर्फ गति नहीं, बल्कि ब्रह्मांड पर सवाल उठाती है. अगर आइंस्टीन का मॉडल काम न करे तो क्या होगा? आइंस्टीन की जनरल रिलेटिविटी थ्योरी कुछ खास मान्यताओं पर आधारित है.
इनमें सबसे अहम है स्पेस और समय हर जगह एक जैसे हैं. अगर ब्रह्मांड असममित निकला, तो मौजूदा गणितीय मॉडल कमजोर पड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में नए नियम बनाने पड़ेंगे जैसे डार्क मैटर पर फिर से सोच होगी. डार्क एनर्जी की परिभाषा बदल सकती है. यह खोज पूरे विज्ञान के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है.
आखिर क्या है CMB?
CMB को आप ब्रह्मांड की पहली तस्वीर कह सकते हैं. बिग बैंग के बाद निकली रोशनी आज ठंडी होकर माइक्रोवेव बन चुकी है. यह रेडिएशन आज भी हर जगह मौजूद है. पुराने टीवी में जब चैनल नहीं आता था और स्क्रीन हिलती थी, उसमें CMB का भी छोटा सा हिस्सा होता था. इसी वजह से वैज्ञानिक इसे ब्रह्मांड का सबसे मजबूत सबूत मानते हैं.
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