Eid ul Adha 2017: कुर्बानी का त्योहार होता है बकरीद, जानिए इसकी कहानी
ईद-उल-अधा देश भर में 1-2 सितंबर को मनाया जाएगा। इसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है।
नई दिल्ली:
ईद-उल-अधा देश भर में 1-2 सितंबर को मनाया जाएगा। इसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार को अल्लाह की मांग पर हजरत इब्राहम (अब्राहम) के अपने बेटे का बलिदान करने को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
इस त्योहार को लेकर लोगों में मान्यता है कि एक बार अल्लाह ने हजरत इब्राहिम को सपने में अपनी प्रिय चीज की कुर्बानी देने का आदेश दिया। माना जाता है कि हजरत को अपने बेटे से बेहद लगाव था। इसलिए उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने की तैयारी कर ली। लेकिन कुर्बानी देने के बाद भी उनका बेटे को खुदा ने जिंदा कर दिया।
इसलिए बकरीद मनाने के लिए लोग कम से कम 2 या 3 पहले बकरे या ऊंट को पालते है। फिर बकरीद वाले दिन उसका बलिदान करते है। इसका गोश्त तीन बराबर हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा गरीबों के लिए, एक हिस्सा रिश्तेदारों और मिलने-जुलने वालो के लिए और एक हिस्सा अपने लिए होता है।
इस प्रथा को निभाते हुए इस दिन जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस त्योहार से पहले देशभर के बाजारों में बकरे के बाजार सजाए जाते हैं। हालांकि नवजात बकरे की कुर्बानी नहीं दी जाती है, बकरे को डेढ-दो साल का होना जरूरी होता है।
इसे भी पढ़ें: ढ़ाई लाख से लेकर साढ़े सात लाख तक में बिक रहे बकरे
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें