Taraweeh Ki Dua Hindi: तरावीह नमाज एक विशेष नमाज है जो मुस्लिम धर्म में रमज़ान महीने के दौरान पढ़ी जाती है. इस नमाज को रमज़ान की रात्रि में पढ़ा जाता है, जो कि इस महीने की पवित्र और महत्वपूर्ण रात्रि मानी जाती है. तरावीह नमाज का अर्थ है "आराम और शान्ति". इस नमाज में विशेष रूप से लम्बी सूरतों की पढ़ाई की जाती है और नमाज में अधिक समय दिया जाता है. तरावीह नमाज को इमाम के नेतृत्व में जमा किया जाता है और यह नमाज कई राकातों में सम्पन्न की जाती है. इस नमाज का महत्व रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान अत्यधिक माना जाता है और मुस्लिम समुदाय के लोग इसे अपने धार्मिक कर्तव्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं. इस नमाज का पाठ किसी मस्जिद में या घर की जमात में किया जा सकता है. तरावीह नमाज रमजान के महीने में रात के समय पढ़ी जाने वाली एक विशेष नमाज है. यह नमाज ईशा की नमाज के बाद पढ़ी जाती है. तरावीह का अर्थ है 'आराम' या 'तेहेरना'. यह नमाज 20 रकात (40 नमाज) की होती है.
तरावीह की नमाज क्यों पढ़ी जाती है?
- तरावीह की नमाज सुन्नत-ए-मुवक्कदा है. इसका मतलब है कि यह नमाज पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने नियमित रूप से पढ़ी और इसे पढ़ने का निर्देश भी दिया.
- तरावीह की नमाज पढ़ने के कई फायदे हैं. यह अल्लाह की इबादत का एक तरीका है. रमजान के महीने की विशेष नमाज है. इस नमाज में अल्लाह से माफी और रहमत मांगी जाती है. ये नमाज मुसलमानों को एकजुट करती है.
- तरावीह की नमाज कैसे पढ़ी जाती है?
- तरावीह की नमाज 20 रकात (40 नमाज) की होती है. हर दो रकात के बाद सलाम फेरा जाता है. पुरुषों के लिए तरावीह की नमाज में तिलावत भी करना होता है.
तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका:
- ईशा की नमाज के बाद वضو करके नमाज के लिए खड़े हों.
- नियत बांधें.
- सूरह फातिहा और कोई दूसरी सूरह पढ़ें.
- रुकू और सजदा करें.
- दो रकात पूरी होने के बाद सलाम फेरें.
- इस तरह 20 रकात (40 नमाज) पूरी करें.
- आखिर में दुआ पढ़ें.
तरावीह की नमाज पढ़ने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें भी जान लें. तरावीह की नमाज जमात में पढ़ना बेहतर है. इसमें तिलावत धीमी आवाज में करनी चाहिए. तरावीह की नमाज एक महत्वपूर्ण नमाज है. यह नमाज अल्लाह की इबादत का एक तरीका है और रमजान के महीने की विशेष नमाज है. इस नमाज में अल्लाह से माफी और रहमत मांगी जाती है. यह नमाज मुसलमानों को एकजुट करती है. तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका अलग-अलग मस्जिदों में अलग-अलग हो सकता है. आप अपनी मस्जिद के इमाम से पूछकर तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका जान सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau