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शिव जी पर हल्दी अर्पण करना महिलाओं के दुर्भाग्य को देता है जन्म( Photo Credit : Social Media, News Nation)
Why Haldi Is Not Offering To Lord Shiv: भगवान शिव को संहारक होने की वजह से पूजा जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव पूजा से बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को पूजा का फल देते हैं. इसी वजह से भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव सभी मोह माया और आडम्बर से दूर रहते हैं. इसलिए शिव पूजन में भांग, धतूरा, बेल पत्र, चंदन का पेस्ट , भस्म , कच्चे दूध आदि का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के पूजन में किसी भी महंगी सामग्री का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और मुख्य रूप से कुछ ऐसी चीजें हैं जिनके सेवन से बचना चाहिए. ऐसी ही सामग्रियों में से एक है हल्दी का इस्तेमाल. मान्यताओं के अनुसार, शिव पूजन में हल्दी का इस्तेमाल करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं और पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि शिव पूजन और शिवलिंग पर हल्दी का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए.
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महिलाओं की सुंदरता से है हल्दी का जुड़ाव
ऐसी मान्यता है कि हल्दी का सीधा संबंध महिलाओं की खूबसूरती से है और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में हल्दी का इस्तेमाल होता है. इसी वजह से भगवान शिव को हल्दी पसंद नहीं होती है. दरअसल, शास्त्रों में शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी महिलाओं की खूबसूरती को दिखाती है. इसलिए ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित माना जाता है. वैसे आमतौर पर भगवान शिव के अलावा किसी भी भगवान का पूजन हल्दी से किया जाता है और इसे पूजा के लिए भी शुभ माना जाता है.
शिवलिंग शिव जी की शक्ति का प्रतीक होता है
अनिल जैन जी बताते हैं कि शिवलिंग भगवान शिव की शक्ति, योनि और ऊर्जा का प्रतीक है. चूंकि लिंग शिव जी की शक्ति है सूचक है इसलिए उनका पूजन भांग, धतूरा, कच्चा दूध, चंदन आदि ठंडी चीजों से किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि हल्दी की तासीर गर्म होती है और शिवलिंग पर इसका इस्तेमाल करने से गर्मी मिलती है इसलिए शिव पूजन में हल्दी का इस्तेमाल करने की मनाही होती है.
जलधारी पर चढ़ सकती है हल्दी
शिवलिंग और शिव पूजन में हल्दी का इस्तेमाल वर्जित है लेकिन मान्यता है कि जलाधारी पर हल्दी चढ़ाई जा सकती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग दो भागों से मिलकर बना होता है. जिनमें से एक भाग भगवान शिव का प्रतीक है और दूसरा भाग जलाधारी माता पार्वती या शक्ति का प्रतीक है. इसलिए जलधारी के एक हिस्से में हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
शिव पूजन में हल्दी के अलावा इन चीजों का इस्तेमाल भी है वर्जित
पुराणों के अनुसार शिव पूजन में हल्दी के अलावा कुछ अन्य चीजों का इस्तेमाल भी वर्जित है जैसे सिंदूर, तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल, शंख का इस्तेमाल भी शिव पूजन में वर्जित होता है. दरअसल शिव जी को सिंदूर इसलिए नहीं चढ़ाया जाता है क्योंकि सिंदूर महिलाओं के सुहाग का प्रतीक है और वैरागी माने जाते हैं. शिव जी पर तुलसी न चढ़ाने की एक पौराणिक कथा है और शंख का इस्तेमाल न करने का कारण है कि शिव जी ने शंखचूर्ण राक्षस का वध किया था.