छठ पूजा में बिहार के लोग क्यों जाते हैं घर? मिल गया है इसका जवाब
अब सवाल यह है कि क्या यह इतना महत्वपूर्ण त्योहार है कि इसमें जाना ज़रूरी है? आखिर क्यों बिहार के लोग महापपर्व छठ पूजा में जाते हैं?
नई दिल्ली:
छठ पूजा बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रमुख त्योहारों में से एक है, और इसे बहुत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा का आयोजन विशेष रूप से बिहार में होता है, और यहां के लोग इसे बहुत उत्साह से मनाते हैं. इसके साथ ही बिहार से सटे प्रदेशों में भी छठ पूजा लोग मनाते हैं. छठ पूजा की तैयारियां आज से ही शुरू हो गई हैं. बिहार राज्य के बाहर काम करने वाले लोग इस त्योहार को मनाने के लिए बिहार किसी भी सूरत में पहुंचते हैं. आपने देखा होगा कि बिहार के लोग ट्रेनों में जैसे-तैसे करके घर पहुंचते हैं. कई बार भीड़ इतनी बेकाबू हो जाती है कि लोगों को दिक्कत तो होती है लेकिन उनका उत्साह कम नहीं होता. अब सवाल यह है कि क्या यह इतना महत्वपूर्ण त्योहार है कि इसमें जाना ज़रूरी है?
क्यों जाते हैं बिहार?
इस महापर्व बिहारी बिहार जाते हैं क्योंकि यह पूजा बिहार के स्थानीय देवी-देवताओं, सूर्य और छठी मैया की पूजा के लिए होता है. छठ पूजा के दौरान लोग सूर्योदय और सूर्यास्त के समय तथा नदीओं या तालाबों के किनारे जाकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस पूजा में घाटों पर भी विशेष रूप से पूजा की जाती है.
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संस्कृति और परंपराओं को मानते हैं महत्वपूर्ण
आपको बता दें कि बिहारी लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं को महत्वपूर्ण मानते हैं, और छठ पूजा इसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है. यह पूजा खुद सूर्य देव की पूजा के लिए है, जो जीवन का स्रोत है और उत्साह भरा हुआ होता है. इसलिए, बिहारी लोग इसे बहुत भक्ति भाव से मनाते हैं और इस अवसर पर अपने अच्छूत बंधन को तोड़ते हैं.
क्यो करते हैं सूर्यदेव की उपासना?
छठी मैया का रूप मुख्य रूप से सुंदर, करुणामयी और उपकारी माता के रूप में पूजा जाता है. विशेषकर स्त्रीजन इसे अपनी संतान की सुरक्षा और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पूजती हैं. छठ पूजा के दौरान गायकों द्वारा गाए जाने वाले छठ गीतों में छठी मैया का रूप और उनकी महिमा का गाना होता है.
छठ पूजा के त्योहार के दौरान, लोग विशेष रूप से सूर्योदय के समय नदी के किनारे जाकर व्रत करते हैं, खासकर महिलाएं, जो छठी मैया की पूजा करती हैं और सूर्य देवता की आराधना करती हैं। यह त्योहार एक उत्साही, सामाजिक, और धार्मिक आयोजन होता है जो लोगों को समृद्धि, सौभाग्य, और सौभाग्य की कामना करने के लिए एक साथ ला देता है.
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