logo-image

Mount of Moon In Palmistry: हथेली पर बने आधे चांद का क्या है हस्तरेखा शास्त्र में महत्व

Mount of Moon In Palmistry: हस्तशास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो आपके हाथों की लकीरों को देखकर आपके वर्तमान और भविष्य के बारे में सारी जानकारी दे सकता है. हाथ पर बने आधे चांद का क्या महत्व है आइए जानते हैं.

Updated on: 24 Mar 2024, 04:02 PM

New Delhi:

Mount of Moon In Palmistry: हथेली पर बने चांद का महत्व ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग तरीके से देखा जाता है. यह चांद आधा, पूरा, या टूटा हुआ भी हो सकता है, और इसकी स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है. हथेली पर बने चांद को लोग अपने भविष्य की भविष्यवाणी करने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं. इसे हस्तरेखा शास्त्र कहा जाता है और इस पर ध्यान देकर व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है. हाथेली पर चांद का बनना व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रकट कर सकता है, जैसे की स्वास्थ्य, धन, संघर्ष और सफलता. यह प्राचीन संस्कृति में विश्वस्त था कि हाथेली पर बने चांद के प्रकार से व्यक्ति के भविष्य के बारे में ज्योतिषिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है. लोग अक्सर हस्तरेखा पठन करके अपने भविष्य के बारे में संदेहों को दूर करते हैं और उन्हें अच्छे और नकारात्मक घटनाओं के बारे में सूचना प्राप्त होती है. हाथों की चांदी के बजाए, चांद के पूर्णता के लिए चिह्न का उपयोग किया जाता है, जो व्यक्ति के भविष्य की ओर संकेत करता है. इसलिए, हाथों पर चांद का महत्व लोगों के जीवन में आध्यात्मिक और ज्योतिषिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है.

हथेली पर बने चांद का महत्व:

1. धन और समृद्धि: चांद शुक्र पर्वत पर स्थित है, तो यह धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. चांद गुरु पर्वत पर स्थित है, तो यह ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक माना जाता है. 

2. प्रेम और विवाह: चांद बुध पर्वत पर स्थित है, तो यह प्रेम और विवाह का प्रतीक माना जाता है. चांद चंद्र पर्वत पर स्थित है, तो यह मन की शांति और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है.

3. स्वास्थ्य और जीवनकाल: चांद मंगल पर्वत पर स्थित है, तो यह स्वास्थ्य और जीवनकाल का प्रतीक माना जाता है. चांद सूर्य पर्वत पर स्थित है, तो यह नेतृत्व और प्रसिद्धि का प्रतीक माना जाता है.

4. भाग्य और सफलता: चांद शनि पर्वत पर स्थित है, तो यह भाग्य और सफलता का प्रतीक माना जाता है. चांद राहु पर्वत पर स्थित है, तो यह रहस्य और अनिश्चितता का प्रतीक माना जाता है.

अगर चांद हथेली के बीच में स्थित है, तो यह व्यक्ति के संतुलित और सामंजस्यपूर्ण जीवन का प्रतीक माना जाता है. चांद हथेली के किनारे पर स्थित है, तो यह व्यक्ति के साहसी और परिवर्तनशील स्वभाव का प्रतीक माना जाता है. हथेली पर बने चांद का अर्थ व्यक्ति की जन्मकुंडली और अन्य हस्तरेखा चिह्नों के आधार पर भिन्न हो सकता है. 

हस्तरेखा शास्त्र एक जटिल विषय है और इसका अध्ययन किसी योग्य ज्योतिषी से करना चाहिए. हथेली पर बने चांद का अर्थ केवल एक संभावना है और यह निश्चित नहीं होता है. व्यक्ति की कर्म और भाग्य ही उसके जीवन को निर्धारित करते हैं. 

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Read Also: Sanatan Dharm: हिंदू धर्म में घंटी बजाने का क्या है महत्व, जानें इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण