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Masan Holi 2024: क्या है बनारस की मसान होली का इतिहास, जाने क्यों है प्रसिद्ध

Masan Holi 2024: मसान होली बनारस की एक अनोखी परंपरा है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है, यह होली हर साल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है.

Updated on: 20 Mar 2024, 01:53 PM

नई दिल्ली :

Masan Holi 2024: मसान होली बनारस में खासी प्रसिद्ध है. यह एक अनूठा होली उत्सव है जो बनारस के विशेष समुदायों में मनाया जाता है. मसान होली के दौरान, लोग बनारस के श्मशान घाटों में जाते हैं और वहाँ होली मनाते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य अपने पूर्वजों को याद करना और उनकी आत्मा को शांति देना होता है. लोग भगवान शिव की पूजा और श्रद्धा के साथ होली मनाते हैं. इस उत्सव के दौरान, खासतौर पर बाबा विश्वनाथ मंदिर और असी घाट पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं और होली का आनंद लेते हैं. इसे मसान होली कहा जाता है क्योंकि यह उत्सव श्मशान घाटों में मनाया जाता है जो कि मसान के रूप में जाना जाता है.

इतिहास: बनारस की मसान होली, जिसे 'चिता भस्म होली' भी कहा जाता है, एक अनोखी और प्राचीन परंपरा है. यह परंपरा 18वीं शताब्दी से चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि मृत्यु पर शोक मनाने के बजाय, मृत्यु को जीवन का एक चक्र मानकर मनाया जाना चाहिए. मसान होली भगवान शिव को समर्पित है, जो मृत्यु के देवता भी हैं. बनारस की मसान होली एक अनोखी और अद्भुत त्योहार है जो हर साल होली के दिन मनाया जाता है. यह त्योहार मृत्यु पर विजय का प्रतीक है. माना जाता है कि भगवान शिव ने मृत्यु के देवता यमराज को पराजित करने के बाद मसान में होली खेली थी. इस घटना को यादगार बनाने के लिए, बनारस के लोग हर साल मसान होली मनाते हैं.

विशेषताएं:

स्थान: यह त्योहार मणिकर्णिका घाट पर मनाया जाता है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित एक प्रसिद्ध श्मशान घाट है.

समय: यह त्योहार होली के दिन रात में मनाया जाता है.

भागीदार: इस त्योहार में बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं, जिनमें स्थानीय लोग, पर्यटक और साधु शामिल हैं.

विधि: लोग चिता की राख, रंगों और गुलाल से होली खेलते हैं. वे भगवान शिव के भजनों का गायन करते हैं और नृत्य करते हैं.

महत्व: यह त्योहार मृत्यु पर विजय का प्रतीक है और यह दर्शाता है कि जीवन में मृत्यु एक स्वाभाविक प्रक्रिया है.

चिता भस्म: मसान होली में सबसे महत्वपूर्ण पहलू चिता भस्म का उपयोग है. लोग चिता की राख को अपने शरीर पर लगाते हैं और एक दूसरे पर फेंकते हैं. यह मृत्यु के प्रति सम्मान और जीवन के चक्र को स्वीकार करने का प्रतीक है.

नग्न होकर खेलना: मसान होली में कुछ लोग नंगा होकर खेलते हैं. यह सांसारिक मोह माया से मुक्ति और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है.

भजन और नृत्य: मसान होली के दौरान भगवान शिव के भजन गाए जाते हैं और लोग नृत्य करते हैं. यह भक्ति और उत्सव का माहौल बनाता है.

मसान होली एक अद्भुत और अद्वितीय त्योहार है जो जीवन और मृत्यु के बारे में हमारी सोच को चुनौती देता है. यह हमें याद दिलाता है कि मृत्यु जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और हमें इसे डर के बजाय स्वीकार करना चाहिए. मसान होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. यह त्योहार दो दिनों तक चलता है. पहले दिन लोग चिता भस्म इकट्ठा करते हैं और दूसरे दिन होली खेलते हैं. मसान होली में शामिल होने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं. आप एक अनोखे और आध्यात्मिक त्योहार का अनुभव करना चाहते हैं, तो आपको बनारस की मसान होली में अवश्य शामिल होना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)