Was Sai Baba a Muslim? क्या साईं बाबा मुस्लिम थे, क्या है मंदिरों से उनकी मूर्ति हटाने का विवाद

Was Sai Baba a Muslim? इन दिनों भारत के मंदिरों में साईं बाबा की मुर्तियों को हटाने का विवाद बढ़ता जा रहा है, ऐसा क्यों हो रहा है. साईं बाबा मुस्लिम संत थे या हिंदू आइए जानते हैं.

Was Sai Baba a Muslim? इन दिनों भारत के मंदिरों में साईं बाबा की मुर्तियों को हटाने का विवाद बढ़ता जा रहा है, ऐसा क्यों हो रहा है. साईं बाबा मुस्लिम संत थे या हिंदू आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Was Sai Baba a Muslim

Was Sai Baba a Muslim

Was Sai Baba a Muslim? साईं बाबा का जन्म और धर्म को लेकर ऐतिहासिक जानकारी न होने पर विवाद होते रहते हैं. यह माना जाता है कि साईं बाबा ने जीवन भर किसी एक धर्म को विशेष रूप से नहीं अपनाया. उनके अनुयायी उन्हें एक संत मानते हैं जो हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए सम्माननीय थे. साईं बाबा का जन्म स्थान और उनके माता-पिता के बारे में भी कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं, जिससे यह पता चले कि वे किस धर्म से जुड़े थे. कुछ लोग उन्हें मुस्लिम मानते हैं क्योंकि उनके रहन-सहन और शब्दावली में इस्लामी प्रभाव दिखाई देता है. उन्होंने अपने प्रवचनों में अक्सर "अल्लाह मालिक" जैसे शब्दों का प्रयोग किया जो इस्लामी विचारधारा को दर्शाता है.

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हिंदू-मुस्लिम धर्म से साईं बाबा का जुड़ाव

उन्होंने कई मुस्लिम रिवाजों का पालन किया और अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा एक मस्जिद में बिताया. दूसरी ओर, साईं बाबा हिंदू रीति-रिवाजों का भी पालन करते थे जैसे कि दत्तात्रेय भगवान की पूजा और कई हिंदू देवताओं का सम्मान. उन्होंने अपने अनुयायियों को भी किसी विशेष धर्म का पालन करने की सलाह नहीं दी. उनके विचारधारा के अनुसार सभी धर्मों का उद्देश्य एक ही होता है - मानवता की सेवा और ईश्वर से जुड़ाव. इसलिए, यह कहना उचित होगा कि साईं बाबा किसी विशेष धर्म के अनुयायी नहीं थे, बल्कि वे मानवता और समभाव के प्रतीक थे. उनकी शिक्षाओं ने हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों को एकजुट किया और उनके जीवन का उद्देश्य धार्मिक मतभेदों को समाप्त करना था.

मंदिरों से साईं बाबा की मूर्ति हटाने का विवाद 

वाराणसी सहित देश के कई हिस्सों में साईं बाबा की मूर्तियां मंदिरों से हटाने का विवाद काफी चर्चा में रहा है. इस विवाद का मूल कारण धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ा है. कुछ लोग मानते हैं कि साईं बाबा एक सूफी संत थे और उनकी मूर्ति को हिंदू मंदिरों में स्थापित करना उचित नहीं है. वहीं, साईं बाबा के भक्तों का मानना है कि वे सभी धर्मों के लोग हैं और साईं बाबा सभी को समान रूप से मानते थे. इस विवाद के कारण समाज में धार्मिक आधार पर विभाजन देखने को मिल रहा है. कई जगहों पर इस मुद्दे को लेकर कानूनी लड़ाईयां भी लड़ी जा रही हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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