Sai Baba Murti Controversy: मंदिरों से क्यों हटाई जा रही है साईं बाबा की मूर्तियां, देश में शुरू हुआ नया विवाद

Sai Baba Murti Controversy: वाराणसी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाई गई. इस खबर के बाद देशभर में विवाद की नई लहर देखने को मिल रही है. काशी में एक-एक करके कई मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां क्यों हटाई जा रही हैं आइए जानते हैं. 

Sai Baba Murti Controversy: वाराणसी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाई गई. इस खबर के बाद देशभर में विवाद की नई लहर देखने को मिल रही है. काशी में एक-एक करके कई मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां क्यों हटाई जा रही हैं आइए जानते हैं. 

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Inna Khosla
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Sai Baba Murti Controversy

Sai Baba Murti Controversy

Sai Baba Murti Controversy: वाराणसी के प्रसिद्ध बड़ा गणेश मंदिर से हाल ही में साईं बाबा की मूर्ति को हटा दिया गया है. इस घटना ने शहर में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने इस पर अपनी कड़ी टिप्पणी देते हुए कहा "गणेश मंदिर में साईं बाबा का क्या काम?" उन्होंने मंदिर के पुजारी को भी इस मामले में फटकार लगाई और मंदिर प्रशासन से तुरंत साईं बाबा की मूर्ति को हटाने का निर्देश दिया. अजय शर्मा ने दावा किया कि अभी तक 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियों को हटाया जा चुका है और जल्द ही 28 और मंदिरों से भी हटाया जाएगा. उनके अनुसार, सनातन धर्म के मंदिरों में किसी मृत व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करके उसकी पूजा नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में पंच देवों - सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति के स्वरूपों की ही मूर्तियां मंदिरों में स्थापित की जा सकती हैं.

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ब्राह्मण महासभा का पक्ष: साईं बाबा को लेकर साजिश?

ब्राह्मण महासभा का मानना है कि साईं बाबा को लेकर एक गहरी साजिश रची गई है. अजय शर्मा के अनुसार, "साजिशकर्ताओं ने आस्थावान सनातनधर्मियों को उनके मूल से भटकाने के लिए चांद मियां को साईं बाबा के रूप में प्रचारित किया है." उन्होंने बनारस के अन्य मंदिरों के महंतों और सेवइतों से भी आग्रह किया कि वे साईं बाबा की मूर्ति को ससम्मान हटाकर सनातन धर्म के प्रति सम्मान दिखाएं. उनका यह भी तर्क है कि साईं बाबा एक ऐतिहासिक व्यक्ति थे, देवता नहीं, इसलिए उनकी मूर्ति मंदिर में रखने का कोई औचित्य नहीं है.

जनता की असहमति और विरोध

हालांकि इस विवाद के बीच आम जनता की राय इस फैसले से सहमत नहीं दिख रही है. कई लोग साईं बाबा को एक संत और परम श्रद्धा का प्रतीक मानते हैं और उनकी मूर्तियों को मंदिरों से हटाए जाने को अनुचित मानते हैं. लोगों का कहना है कि साईं बाबा की पूजा से उनका जीवन शांति और सद्भाव में बीतता है और उन्हें एक धार्मिक विभाजन का हिस्सा बनाना अनुचित है. साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की यह चर्चा अब शहर के अन्य मंदिरों में भी फैल रही है. कई मंदिर प्रशासन इस पर विचार कर रहे हैं कि वे इस निर्णय के प्रति क्या रुख अपनाएं. इस विषय पर धार्मिक संगठनों के बीच चर्चाएं भी तेज हो गई हैं.

यह स्पष्ट है कि साईं बाबा की मूर्तियों को लेकर शुरू हुआ यह विवाद केवल वाराणसी तक सीमित नहीं रहेगा. इस तरह की घटनाएं भविष्य में धार्मिक और सामाजिक तनाव का कारण बन सकती हैं. जहां एक तरफ ब्राह्मण महासभा पंच देवों की पूजा पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर जनता का एक बड़ा वर्ग साईं बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था व्यक्त कर रहा है.

रिपोर्ट: सुशांत मुखर्जी

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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