Vaishakh Purnima 2022, Pitr Affraid Of Peepal: वैशाख पूर्णिमा को क्यों कहा जाता है पीपल पूर्णिमा, इस पेड़ से क्यों कांपते हैं पितृ

वैशाख माह में आने वाली पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा, पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस साल वैशाख पूर्णिमा 16 मई को पड़ रही है. ऐसे में आज हम आपको वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा के लाभ और महत्व बताने जा रहे है.

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Gaveshna Sharma
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Vaishakh Purnima 2022, Significance of peepal puja

पीपल के पेड़ से क्यों कांपते हैं पितृ,जानें वैशाख पूर्णिमा का पीपल एंगल( Photo Credit : Social Media)

Vaishakh Purnima 2022, Pitr Affraid Of Peepal: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. वैशाख माह में आने वाली पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा, पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस साल वैशाख पूर्णिमा  16 मई, सोमवार के दिन पड़ रही है. बता दें कि इस बार वैशाख पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है. ऐसे में पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. ऐसे में आज हम आपको वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा के लाभ और महत्व बताने जा रहे हैं.  

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शास्त्रों के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा करना शुभ फलदायी होता है. मान्यता है कि इस दिन पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही, पितर भी संतुष्ट होते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन पेड़ लगाने से बृहस्पति ग्रह का अशुभ फल भी कम होता है. जानें इस दिन पीपल की पूजा से  क्या लाभ होते हैं. 

पीपल के वृक्ष की पूजा से होगा ये लाभ
- धार्मिक मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से कुंडली में शनि, गुरु और अन्य ग्रह भी शुभ फल देने लगते हैं. 

- पीपल के पेड़ में तीन देवताओं- ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास होता है. सुबह उठकर इस पर जल अर्पित करने, पूजा करने और दीपक जलाने से तीनों देवताओं की कृपा मिलती है. 

- पीपल के पेड़ पर पानी में दूध और काले तिल मिलाकर अर्पित करने से पितर संतुष्ट होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि इस पेड़ पर सुबह के समय पितरों का भी वास होता है.  

-  शास्त्रों में लिखा है कि सूर्योदय के बाद मां लक्ष्मी का वास होता है और इसलिए सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है. 

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- पीपल पूर्णिमा पर शुभ कार्य किए जाते हैं. इस दिन अबूझ साया होता है. सुबह पीपल के पेड़ की पूजा के बाद दिन में किसी भी समय कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य किया जा सकता है. 

- मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में विधवा योग हो तो पहले पीपल या घड़े से शुभ लग्न में उसकी शादी करवाने से उसका वैधव्य योग  समाप्त हो जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव भगवान विष्णु ग्रहण कर लेते हैं. 

- पीपल पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें. इसके बाद पेड़ की 3 परिक्रमा लगाएं. ऐसा करने से गुरू और शनि ग्रह शुभ फल देते हैं. 

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