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Vaishakh Kalashtami 2023 Date: जानें कब है वैशाख कालाष्टमी व्रत, दो शुभ योग में करें पूजा, ग्रह दोष होंगे दूर

दिनांक 07 अप्रैल से वैशाख माह शुरू हो चुका है.

Updated on: 11 Apr 2023, 01:32 PM

highlights

  • जानें कब है वैशाख कालाष्टमी व्रत 
  • निशिता काल में करें कालभैरव की पूजा
  • इस दिन बन रहे हैं दो शुभ योग

नई दिल्ली :

Vaishakh Kalashtami 2023 : दिनांक 07 अप्रैल से वैशाख माह शुरू हो चुका है. वहीं इसी माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा. इस दिन रुद्रावतार काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है. इन्हें तंत्र-मंत्र का देवता भी कहा जाता है. वहीं काल भैरव के स्वरूप की बात जाए, तो इनका स्वरूप बहुत भयावह है. जहां-जहां शक्तिपीठ हैं, वहां कालभैरव भी उपस्थित हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि काल भैरव सभी देवी की सुरक्षा में रहते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में वैशाख मासिक कालाष्टमी व्रत के बारे में बताएंगे, साथ ही पूजा मुहूर्त का शुभ समय क्या है. 

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जानें वैशाख कालाष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त 
इस बार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दिनांक 13 अप्रैल दिन गुरुवार को सुबह 03:44 से लेकर दिनांक 14 अप्रैल को 01 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. वहीं काल भैरव की पूजा निशिता मुहूर्त में की जाती है. इसलिए मासिक कालाष्टमी दिनांक 13 अप्रैल को है. 

कालाष्टमी व्रत के दिन बन रहे हैं दो शुभ योग 
दिनांक 13 अप्रैल को कालाष्टमी व्रत के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं. एक शिव योग और एक सिद्ध योग. 
शिव योग- सुबह से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है. 
सिद्ध योग - उसके बाद सिद्ध योग प्रारंभ हो जाएगा, जो अगले दिन सुबह तक है. 
साधना के लिए शिव योग बहुत शुभ है. 

निशिता पूजा मुहूर्त 
कालाष्टमी व्रत की निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11:59 मिनट से लेकर देर रात 12:44  मिनट तक है. इस मुहूर्त में आप काल भैरव की पूजा कर सकते हैं. 

जानें क्या है कालाष्टमी पूजा विधि 
इस दिन काल भैरव के मंदिर जाकर काल भैरव की पूजा करें. चौमुख दीपक जलाएं और नारियल, पान, जलेबी आदि का भोग लगाएं. फिर भैरव चालीसा का पाठ करें. काल भैरव की कृपा से रोग, कष्ट, भय और ग्रह दोष दूर होते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है.