भारत एक आध्यात्मिक देश है. वहीं घर हो या मंदिर हर जगह देवी-देवता पूजे जाते हैं. हम सभी ने मंदिर में हमेशा देवी-देवताओं की पूजा की है और सभी को करते हुए भी देखा है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की भारतवर्ष में आज भी कई मंदिर ऐसे हैं जहां देवी-देवताओं की नहीं बल्कि राक्षसों की पूजा होती है और वहां भक्तों का सैलाब लगता है. आइए आपको बताते है.
रावण मंदिर
रावण को राक्षस कुल का राजा माना जाता था, लेकिन वह परम शिवभक्त, ज्ञानी और विद्धान थे. रावण के कहने पर श्री राम को पाताल में ले जाने वाले रावण का मंदिर, झांसी के पंचकुइयां इलाके में स्थिति है. यह मंदिर 300 साल पुराणा है. यहां भक्त पूरी आस्था के साथ दर्शन करने के लिए आते हैं.
शकुनी मामा का मंदिर
महाभारत में शकुनि मामा छल, कपट और षडयंत्रों के लिए जाने जाते हैं. इनकी गिनती भी राक्षस में होती है.केरल के कोल्लम जिले में शकुनी मामा का मंदिर है. इस मंदिर में भक्त तांत्रिक क्रियाएं संपन्न कराने के लिए आते हैं.
पूतना का मंदिर
पूतना के बारे में सब जानते होंगे. कंस ने बालक कृष्ण को मारने के लिए पूतना को भेजा था. गोकुल में पूतना का एक मंदिर है. यहां पूतना की लेटी हुई प्रतिमा है, जिसमें पूतना की छाती पर कृष्ण बैठकर दूध पीते हुए दिखाई देते हैं.
हिडिंबा देवी मंदिर
महाभारत में हिडिंबा राक्षसी थी जो कि भीम की पत्नी थीं. हिडिंबा ने राक्षसी होते हुए भी हिडिंबा ने धर्म का साथ दिया. इसलिए इन्हें देवी मानकर इनकी पूजा की जाती है. हिमाचल के मनाली में हिडिंबा देवी का मंदिर है.
दुर्योधन का मंदिर
कुरु वंश में जन्म लेने वाले दुर्योधन में राक्षसी प्रवृत्ति थी, हालांकि इसके बावजूद भी दुर्योधन की पूजा की जाती है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भी दुर्योधन का एक मंदिर है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)