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Surya Dev Ki Aarti: बस रविवार के दिन कर लें सूर्यदेव की ये आरती, घर में आएगी खुशहाली

Surya Dev Ki Aarti: सूर्य देव को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है. वे जीवन, प्रकाश और ऊर्जा के प्रतीक हैं. सूर्य देव की पूजा करने से स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है. सूर्य देव धन, समृद्धि और सफलता के देवता भी हैं.

Updated on: 25 Feb 2024, 12:40 PM

नई दिल्ली:

Surya Dev Aarti In Hindi: सूर्य देव को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है. वे जीवन, प्रकाश और ऊर्जा के प्रतीक हैं. सूर्य देव की पूजा करने से स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है. सूर्य देव धन, समृद्धि और सफलता के देवता भी हैं. उनकी पूजा करने से जीवन में धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है. यूं तो नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करना और विधिपूर्वक पूजा के साथ आरती करना शुभ माना जाता है, लेकिन रविवार के दिन इनकी पूजा करना और जल देना अत्यधिक शुभ माना जाता है. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्यदेव की आरती करने से घर में खुशहाली आती है. ऐसे में आइए यहां पढ़ें सूर्यदेव की पूरी आरती. 

सूर्यदेव की आरती (Surya Dev Ki Aarti)

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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