Solar eclipse 2020: कल है साल का पहला सूर्यग्रहण, इन राशि वालों को बरतनी होगी सावधानी
भारत में 21 जून को सूर्यग्रहण दिखेगा और देश के कुछ हिस्सों में यह वलयाकार नजर आएगा. खगोल प्रेमियों को इस दौरान 'अग्नि-वलय' देखने का अवसर मिलेगा. हालांकि, देश के अधिकतर हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक होगा.
नई दिल्ली:
भारत में 21 जून को सूर्यग्रहण (Solar eclipse 2020) दिखेगा और देश के कुछ हिस्सों में यह वलयाकार नजर आएगा. खगोल प्रेमियों को इस दौरान 'अग्नि-वलय' देखने का अवसर मिलेगा. हालांकि, देश के अधिकतर हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक होगा. बताया जा रहा है कि ये सूर्यग्रहण साल का सबसे लंबा होगा. वहीं दस मिनट तक दिन में अंधेरे जैसी स्थिति हो जाएगी और इसका सूतक शनिवार की रात में लग जाएगा. सूतक काल से ग्रहण के समाप्ति तक मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. इस दौरान मंदिरों में पूजा-अर्चना नहीं होगी.
इस मौके पर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर पंडित सुभाष पांडेय ने कहा कि सूर्यग्रहण होने से चूड़ामणि योग बन रहा है. यह ग्रहण मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र पर है इसलिए मिथुन राशि के जातक को खास ध्यान रखना होगा. इस राशि के जातक ग्रहण न देखें और गणपति की पूजा करें. महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप करें तो अच्छा रहेगा. कर्क, वृश्चिक, मीन के जातक भी ग्रहण देखने से बचें, यह ग्रहण दुर्लभ की श्रेणी में है.
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मान्यता है कि सूर्यग्रहण बच्चे, बूढ़े और बीमार लोगों के लिए नुकसानदायक होता है. इस काल में सभी प्रकार के आहार दूषित हो जाते हैं, जिसका सेवन करने से तमाम रोग पैदा होते हैं. लाल रंग की वस्तुओं पर सूर्यग्रहण का गहरा प्रभाव दिखेगा.
मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के वक्त क्या करें और क्या न करें
- ग्रहण काल में खाना-पीना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए.
- आप इस दौरान गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि कर सकते हैं.
- सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
- सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.
- ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर के शुद्धिकरण कर लेना चाहिए.
- सूतक लगने से पहले ही घर में मौजूद खाने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल लेने चाहिए.
- यदि आपके घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसके कपाट बंद कर दें या फिर मंदिर को पर्दे से ढक दें.
- मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धि के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए.
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