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Shardiya Navratri 2022 Day 6 Maa Katyayani Aarti aur Bhog: मां कात्यायनी की आरती से प्राप्त होगा असीम बल, सोने जैसा चमकेगा तन 

Shardiya Navratri 2022 Day 6 Maa Katyayani Aarti aur Bhog: मां कात्यायनी को युद्ध की देवी कहा जाता है. माता का स्वरूप स्वर्ण के समान चमकीला माना जाता है और इनको प्रिय रंग पीला है.

Updated on: 01 Oct 2022, 01:21 PM

नई दिल्ली :

Shardiya Navratri 2022 Day 6 Maa Katyayani Mantra aur Upay: नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है. आदि शक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों में छठा रूप कात्यायनी देवी का है. आपको बता दें कि यजुर्वेद में प्रथम बार 'कात्यायनी' नाम का उल्लेख मिलता है. माना जाता है कि देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए आदि शक्ति देवी के रूप में महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई थीं. मां कात्यायनी को युद्ध की देवी भी कहा जाता है. माता का स्वरूप स्वर्ण के समान चमकीला माना जाता है और इनको प्रिय रंग पीला है. मानते हैं कि मां की पूजा से न सिर्फ असीम बल की प्राप्ति होती है, बल्कि इनकी कृपा से विवाह में आने वाली अड़चनें भी दूर हो जाती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं मां कात्यायनी की आरती और भोग के बारे में. 

मां कात्यायनी की आरती (Maa Katyayani Aarti)
जय कात्यायनी मां, मैया जय कात्यायनी मां।
उपमा रहित भवानी, दूं किसकी उपमां।।
मैया जय कात्यायनी मां।।

गिरिजापति शिव का तप, असुर रम्भ कीन्हां।
वर फल जन्म रम्भ गृह, महिषासुर लीन्हां।।
मैया जय कात्यायनी मां।।

कर शशांक शेखर तप, महिषाशुर भारी।
शासन कियो सुर पर, बन अत्याचारी।।
मैया जय कात्यायनी मां।।

त्रिनयन ब्रह्म शचीपति, पहुंचे अच्युत गृह।
महिषासुर बध हेतु, सुर कीन्हौं आग्रह।।
मैया जय कात्यायनी

सुन पुकाप देवन मुख, तेज हुआ मुखरित।
जन्म लियो कात्यायनि, सुर नर मुनि के हित।
मैया जय कात्यायन, नाम का
मैया जय कात्यायनि

आश्विन शुक्ल को महिषासुर मारा।
नाम पड़ा रणचण्डी, मरणलोक न्यारा।।
मैया जया कात्यायनि

दूजे कल्प संहारा, रूप भद्रकाली।
तीजे कल्प में दुर्गा, मारा बलशाली।।
मैया जय कात्यायनि

दीन्हौं पद पार्षद निज, निज जगत जननि माया।
देवी संग महिषासुर, रूप बहुत भाया।।
मैया जय कात्यायनि

उमा रमा ब्रन्हाणी, सीता श्रीराधा।
तुम सुर-मुनि मन मोहनि, हरिये भव बाधा।।
मैया जय कात्यायनि
जयति मङ्गला काली, आद्या भवमोचनि।
सत्यानन्दस्वरूपणि, महिषासुर-मर्दनि।।
मैया जय कात्यायनि

जय जय अग्निज्वाला, साध्वी भवप्रीता।
करो हरण दुख मेरे, भव्या सुपुनीता।।
मैया जय कात्यायनि

अघहरिणि भवतारिणि, चरण-शरण दीजै।
ह्रदय निवासिनि दुर्गा कृपा-दृष्टि कीजै।।
मैया जय कात्यायनि

ब्रह्मा अक्षर शिवजी, तुमको नित ध्यावै।
करत अशोक नीराजन, वाञ्छितफल पावै।।
मैया जय कात्यायनि

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मां कात्यायनी का प्रिय रंग 
मां कात्यायनी का पसंदीदा रंग लाल रंग है. 

मां कात्यायनी का प्रिय भोग 
नवरात्रि के छठे दिन भोग के रूप में मां कात्यायनी को शहद अर्पित किया जाता है. मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से व्यक्ति की आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है और वहीं मां निरोगी काया का वरदान देती हैं.