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Shardiya Navratri 2022 Ghatsthapna Puja Vidhi aur Mantra: नवरात्रि के दौरान घटस्थापना करते समय जरूर करें इन मंत्रों का जाप, धन धान्य का रहेगा घर में वास

Shardiya Navratri 2022 Ghatsthapna Puja Vidhi aur Mantra: नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहू्र्त को ध्यान में रखते हुए घटस्थापना करने का विशेष महत्व है. ऐसे में आइए जानते हैं घटस्थापना करने की पूजा विधि और मंत्रों के बारे में.

Updated on: 18 Sep 2022, 01:20 PM

नई दिल्ली :

Shardiya Navratri 2022 Ghatsthapna Puja Vidhi aur Mantra: 26 सितंबर, दिन सोमवार से शारदीय नवरात्रि शुरू होंगे. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के 9 दिन माँ दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इन 9 दिनों में पूजा-पाठ, व्रत, मंत्रोचार और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि पर विधि-विधान से घटस्थापना या कलश स्थापना करते हुए विधिवत नवरात्रि पर्व का शुभारंभ होता है. नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहू्र्त को ध्यान में रखते हुए घटस्थापना करने का विशेष महत्व है. ऐसे में आइए जानते हैं घटस्थापना करने की पूजा विधि और मंत्रों के बारे में. 

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शारदीय नवरात्रि 2022 घटस्थापना पूजा विधि (Shardiya Navratri 2022 Ghatsthapna Puja Vidhi)
- सबसे पहले मिट्टी का चौड़ा घड़ा (जिसका इस्तेमाल कलश रखने के लिए किया जाएगा) अनाज बोने के लिए लें. 
- मिट्टी की पहली परत को गमले में फैलाएं और फिर अनाज के बीज फैलाएं. अब मिट्टी और अनाज की दूसरी परत डालें. 
- दूसरी परत में अनाज को बर्तन की परिधि के पास फैला देना चाहिए. अब मिट्टी की तीसरी और आखिरी परत को गमले में फैला दें. 
- यदि आवश्यक हो तो मिट्टी को सेट करने के लिए बर्तन में थोड़ा पानी डालें.
- अब पवित्र धागे को कलश के गले में बांध लें और इसे पवित्र जल से गले तक भर दें. 
- पानी में सुपारी, गंध, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्के डालें. 
- कलश को ढकने से पहले अशोक या आम के 5 पत्तों को कलश के किनारे पर रख दें.
- अब बिना छिलके वाला नारियल लें और उसे लाल कपड़े में लपेट दें. नारियल और लाल कपड़े को पवित्र धागे से बांधें.

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- अब तैयार कलश के ऊपर नारियल रखें. अंत में स्टेप 1 में तैयार किए गए कलश को सेंटर में रखें. 
- अब आपके पास देवी दुर्गा को आमंत्रित करने के लिए कलश तैयार है.
- अब देवी दुर्गा का आह्वान करें और उनसे अनुरोध करें कि वे आपकी प्रार्थनाओं को स्वीकार करें.
- माँ से विनती करें कि वो नौ दिनों तक कलश में निवास करके आपको आशीर्वाद दें.
- इसके बाद पंचोपचार पूजा करें. पंचोपचार पूजा पांच पूजा वस्तुओं के साथ की जाती है.
- सबसे पहले कलश और उसमें बुलाए गए सभी देवताओं के समक्ष दीपक दिखाएं. 
- दीप चढ़ाने के बाद धूप की तीली जलाएं और कलश पर चढ़ाएं, उसके बाद फूल और सुगंध चढ़ाएं. 
- अंत में पंचोपचार पूजा समाप्त करने के लिए कलश को नैवेद्य यानी फल और मिठाई अर्पित करें.

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शारदीय नवरात्रि 2022 घटस्थापना मंत्र (Shardiya Navratri 2022 Ghatsthapna Mantra)
- कलश स्थापित करते समय का मंत्र 
ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:। पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।।

- सप्तधान (7 प्रकार के अनाज) बोने का मंत्र
ओम धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा। दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि।।

- कलश पर नारियल रखने का मंत्र
ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः।।