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Shanidev ( Photo Credit : Social Media)
Shanidev: शनिदेव हिन्दू धर्म के अनुसार नवग्रहों में एक महत्वपूर्ण ग्रह हैं. उन्हें कर्मफल के न्याय का प्रतिक माना जाता है, जो संसार में कर्मों के आधार पर अनुभवों का वितरण करता है. शनि को धार्मिकता, उत्तम नैतिकता, धैर्य, और संघर्ष का प्रतीक माना जाता है. उनका ध्यान आस्तिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और उन्हें शनिवार को विशेष भक्ति और पूजा से प्रसन्न किया जाता है. शनिदेव की मूर्तियाँ काले वस्त्रों में पहने हुए दिखाई जाती हैं, जो भक्तों को बुराइयों और बाधाओं से मुक्ति प्रदान करने की आशा दिलाते हैं. उन्हें न्यायप्रियता के देवता के रूप में भी माना जाता है, लेकिन उनका प्रभाव भी दुःख और कठिनाइयों का प्रतिक है.
शनिदेव के प्रति श्रद्धालु उनके उपासना, मंत्र जप, और ध्यान द्वारा उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. यह शनिदेव के आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. शनिदेव की पूजा और उपासना में अनेक विधियाँ और विधान होते हैं, जिन्हें भक्त नियमित रूप से अपनाते हैं. उनके श्राप से मुक्ति पाने के लिए लोग अनेक प्रकार के उपाय और परंपरागत सिद्धांतों का अनुसरण करते हैं. इस प्रकार, शनिदेव धर्म और समाज में विशेष महत्व रखते हैं और उनके प्रति भक्ति और श्रद्धा का महत्वपूर्ण स्थान होता है.
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शनिदेव को प्रसन्न करने करने के उपाय और मंत्र
शनिदेव की पूजा: रोजाना प्रातःकाल में शनिदेव को नमस्कार करें और उनकी पूजा करें. इसके लिए शनिदेव की मूर्ति, यंत्र या फोटो के सामने बैठकर शनिदेव को प्रणाम करें. शनिदेव को अपनी प्रिय पूजा के रूप में पूजन करें. इसके लिए शनिवार को शनिदेव की मूर्ति या यंत्र के सामने बैठकर पूजा करें.
1. शनि मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" यह मंत्र शनिदेव की आराधना में प्रयोग किया जा सकता है.
2. दान: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले वस्त्र, तिल, उड़द की दाल, राजमांद, लौंग, इलायची, अगरबत्ती, तेल, चना, बारीक गुड़, तंबाकू, ताम्बूल, खाद्य और पानी का दान करें.
3. शनि दोष निवारण के उपाय: किसी ज्योतिषीय विद्वान से सलाह लेकर शनि दोष निवारण के उपाय करें, जैसे कि शनि की साढ़ेसाती, लाल किताब के उपाय आदि.
ध्यान दें कि ये सभी उपाय शनिदेव के प्रसन्नता के लिए अनुशासन के साथ और निष्कपटता से किए जाने चाहिए.
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Source : News Nation Bureau