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Shani Yantra 2022: साढ़े साती की दशा बीच समय में ही हो जाएगी समाप्त, इस यंत्र के समक्ष स्वयं शनि भी हैं बेबस

न्याय के देवता शनि देव अप्रैल में राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर राशि परिवर्तन से पहले शनिवार के दिन शनि देव के इस यंत्र की पूजा का नियम लिया जाए तो साढ़े साती की दशा बीच समय में ही समाप्त हो जाएगी.

Updated on: 26 Mar 2022, 11:22 AM

नई दिल्ली :

Shani Yantra 2022: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक न्याय के देवता शनि देव अप्रैल में राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. शनि देव राशि बदलकर कुंभ राशि में आ रहे हैं. ऐसे में साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव भी सभी राशियों पर बदलेगा. ऐसे में शनिवार के दिन कुछ उपाय करने से शनि का प्रकोप और जीवन की परेशानियां कम हो सकती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर राशि परिवर्तन से पहले शनिवार के दिन शनि देव के इस यंत्र की पूजा का नियम लिया जाए तो साढ़े साती की दशा बीच समय में ही समाप्त हो जाएगी और शनि की अपार कृपा बरसने लगेगी. 

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शनि यंत्र की पूजा
शनि यंत्र की पूजा करने से शनि दोष से छुटकारा मिल सकता है. इसके लिए शनिवार के दिन स्नान के बाद काले रंग के साफ-सुथरे कपड़े पहनें. इसके बाद विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करें. संभव हो सके तो शनि यंत्र की पूजा कर सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी, व्यापार और धन से जुड़ी समस्या दूर होती है. 

भगवान शिव की पूजा
शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव, शनि के गुरु हैं. ऐसे में शनिवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से शनि देव की भी कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा शनिवार का दिन हनुमानजी की पूजा के लिए भी विशेष माना गया है. मान्यता है कि शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में तरक्की की राह आसान होती है.

छाया दान या तेल दान
मान्यता है कि शनिवार के दिन तिल या सरसों के तेल का छाया दान करने से शनि का प्रकोप कम होता है. साथ ही शनिवार के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल में चुपड़ी रोटी खिलाने से संचित धन में बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष दूर हो सकता है.