Shani Jayanti Daan: हिन्दू धर्म में हर साल शनि जयंती ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, जो इस साल 27 मई 2025 दिन मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन को न्याय के देवता शनिदेव की जयंती के रूप में मनाया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. अगर आप शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या किसी अन्य शनि दोष से परेशान हैं तो इस दिन कुछ खास चीजों का दान करने से आपकी सारी परेशानियां दूर हो सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं शनि जयंती के मौके पर किन चीजों का दान करना चाहिए.
शनि जयंती पर इन चीजों का करें दान-
काले तिल का दान करें
काले तिल शनिदेव को बहुत प्रिय हैं और इनका दान करने से शनि के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं. काले तिल से दुर्भाग्य दूर होता है और घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है. इस दिन किसी गरीब या शनि मंदिर में दान करें.
काली उड़द की दान करें
काली उड़द भी शनि से संबंधित होता है. इसे दान करने से आर्थिक तंगी दूर होती है, धन में वृद्धि होती है और शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इसे गरीबों, शनि मंदिर के बाहर बैठे लोगों या किसी जरूरतमंद परिवार को दान करें.
सरसों का तेल दान करें
न्याय के देवता शनिदेव को सरसों का तेल बहुत प्रिय है. शनि जयंती पर सरसों का तेल दान करने और शनि मंदिर में दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है. इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं. शनि मंदिर में या किसी गरीब व्यक्ति को दान करें.
काले वस्त्र का दान करें
काले कपड़े शनिदेव की ऊर्जा और प्रभाव को दर्शाते हैं. शनि जयंती पर काले कपड़े दान करने से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और शनि के शुभ फल प्राप्त होते हैं. इससे रुके हुए काम भी पूरे होते हैं. इस दिन किसी भी असहाय व्यक्ति को काले वस्त्र दान दें.
दान का महत्व
शनि जयंती पर इन चीजों का श्रद्धापूर्वक दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली सभी परेशानियों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
Shani Jayanti 2025: शनि जयंती पर भूलकर भी न करें ये काम, शनिदेव हो सकते हैं नाराज
ये भी पढ़ें: Premanand Maharaj Tips: प्रेमानंद महाराज ने बताया इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना होता है अशुभ, लगता है ब्रह्म हत्या का पाप
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)